अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने रविवार को नई दिल्ली में एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, मैंने भारत के विदेश मंत्री से मुलाकात की और अर्थव्यवस्था, व्यापार और अन्य मुद्दों पर चर्चा की. हमने चाबहार बंदरगाह पर की चर्चा की और वाघा बॉर्डर खोलने की अपील भी की.
मुत्तकी की इस बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था. इससे पहले शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में उन्हें (महिला पत्रकारों) शामिल नहीं किए जाने पर कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी, जिसके बाद ये कदम उठाया गया है.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने मीडियो को संबोधित कर कहा, ‘मैंने भारत के विदेश मंत्री से मुलाकात की और अर्थव्यवस्था, व्यापार और अन्य मुद्दों पर चर्चा की. बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री ने काबुल में अपने मिशन को दूतावास स्तर तक उन्नत करने की घोषणा की और काबुल के राजनयिक नई दिल्ली पहुंचेंगे.’
दिल्ली और काबुल के बीच फ्लाइट बढ़ाने की मांग
उन्होंने आगे कहा कि बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने काबुल और दिल्ली के बीच उड़ानों में वृद्धि की घोषणा की… व्यापार और अर्थव्यवस्था पर भी एक समझौता हुआ…हमने भारतीय पक्ष को निवेश के लिए भी आमंत्रित किया, विशेष रूप से खनिजों, कृषि और खेल में. हमने चाबहार बंदरगाह पर भी चर्चा की… हमने वाघा सीमा को खोलने का भी अनुरोध किया, क्योंकि ये भारत और अफगानिस्तान के बीच सबसे तेज और आसान व्यापार मार्ग है…
महिला पत्राकारों से जुड़े सवाल पर क्या बोले
वहीं, जब उनसे दो दिन पहले अपने प्रेस कॉन्फ्रेस में महिला पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किए जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘प्रेस कॉन्फ्रेंस के संबंध में बहुत शॉर्ट नोटिस पर थी और पत्रकारों की एक छोटी लिस्ट तयर की गई थी. और जो भागीदारी सूची प्रस्तुत की गई थी वह बहुत विशिष्ट थी. ये एक तकनीकी मुद्दा था… हमारे सहयोगियों ने पत्रकारों की एक विशिष्ट सूची को निमंत्रण भेजने का फैसला किया था और इसके अलावा कोई अन्य इरादा नहीं था.’
क्या है मामला
दरअसल, 10 अक्टूबर को हुए पहले के प्रेस संवाद की तस्वीरों में तालिबान नेता को संबोधित करते हुए केवल पुरुष पत्रकार दिखाई दिए थे. इंडियन वीमेन्स प्रेस कॉर्प्स (IWPC) और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने महिला पत्रकारों के इस बहिष्कार को अत्यधिक भेदभावपूर्ण बताया था, जिसमें वियना कन्वेंशन के तहत राजनयिक विशेषाधिकार का कोई औचित्य नहीं दिया जा सकता. वहीं, बढ़ती आलोचनाओं के बीच अफगान विदेश मंत्री की टीम ने रविवार के प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए नए निमंत्रण जारी किए.
मुत्तकी का पहला भारत दौरा
तालिबान नेता मुत्तकी गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे थे. 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा है. उनकी यात्रा महिलाओं के अधिकारों, शिक्षा और सार्वजनिक भागीदारी को प्रतिबंधित करने वाली उनकी नीतियों पर लगातार आलोचना के बावजूद क्षेत्रीय देशों के साथ फिर से जुड़ने के प्रयासों के बीच हुई है.
भारत सरकार ने खुद को किया अलग
विपक्ष की आलोचनाओं के बाद MEA ने शनिवार को स्पष्ट किया कि 10 अक्टूबर के प्रेस इंटरैक्शन में उसकी कोई भूमिका नहीं थी. सरकारी सूत्रों ने शनिवार को स्पष्ट किया कि विदेश मंत्रालय का अफगान विदेश मंत्री के प्रेस इंटरैक्शन में कोई हाथ नहीं था. ये स्पष्टीकरण विपक्षी नेताओं के आरोपों के बाद आया जो सरकार पर भारतीय मिट्टी पर भेदभावपूर्ण आयोजन की अनुमति देने का इल्जाम लगा रहे थे.
राहुल गांधी ने सरकार को घेरा
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महिला पत्रकारों को बाहर करने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिलाओं के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को खराब बताया.
उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘मोदी जी, जब आप एक सार्वजनिक मंच से महिला पत्रकारों को बाहर करने की अनुमति देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने के लिए बहुत कमजोर हैं.’ उन्होंने आगे कहा कि इस भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी ‘नारी शक्ति’ के आपके नारों की खोखली सच्चाई को सामने लाती है.
तालिबान का महिला अधिकारों पर रुख
2021 में अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने वाले तालिबान की महिलाओं के अधिकारों पर कड़े प्रतिबंधों के लिए व्यापक आलोचना हुई है. सत्ता में लौटने के बाद, उसने महिलाओं को छठी कक्षा से आगे की शिक्षा से रोक दिया है, उन्हें अधिकांश नौकरियों से बैन कर दिया है, और उन्हें पार्क, जिम और ब्यूटी सैलून जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जाने से मना कर दिया है.
UN ने दी थी चेतावनी
जुलाई में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के गंभीर, बिगड़ते, व्यापक और व्यवस्थित उत्पीड़न की चेतावनी दी थी. UN ने तालिबान से उन नीतियों को पलटने का आग्रह किया था जो उन्हें शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक जीवन से बाहर करती हैं.
तालिबान के कब्जे के बाद मुत्तकी की पहली भारत यात्रा ऐसे वक्त में हुई है जब काबुल में शासन क्षेत्रीय संबंधों को फिर से बनाने की कोशिश कर रहा है. शुक्रवार को उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से द्विपक्षीय व्यापार, मानवीय सहायता और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की थी.
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