बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पहली लिस्ट जारी की है, इसमें पार्टी ने ये बताया है कि वह किन-किन सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारेगी. AIMIM ने शनिवार को घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव में वह लगभग 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, जो पिछली बार लड़ी गई सीटों से पांच गुना ज्यादा है. पार्टी का दावा है कि इसका उद्देश्य बिहार में एक तीसरा विकल्प तैयार करना है, जहां राजनीति अब तक भाजपा-एनडीए और कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन (महागठबंधन) के इर्द-गिर्द केंद्रित रही है. बता दें कि बिहार में चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होगा और मतगणना 14 नवंबर को होगी.
पहली लिस्ट के मुताबिक इन सीटों पर कैंडिडेट उतारेगी AIMIM
जिला किशनगंज: बहादुरगंज, ठाकुरगंज, कोचाधामन और किशनगंज विधानसभा
जिला पूर्णिया: अमौर, बायसी और क़स्बा विधानसभा
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जिला कटिहार: बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी और कदवा विधानसभा
जिला अररिया: जोकीहाट और अररिया विधानसभा
जिला गया: शेरघाटी और बेला विधानसभा
जिला मोतिहारी: ढाका और नरकटिया विधानसभा
जिला नवादा: नवादा शहर विधानसभा
जिला जमुई: सिकंदरा विधानसभा
जिला भागलपुर: भागलपुर और नाथनगर विधानसभा
जिला सिवान: सिवान विधानसभा
जिला दरभंगा: जाले, केवटी, दरभंगा ग्रामीण और गौरा बौराम विधानसभा
जिला समस्तीपुर: कल्याणपुर विधानसभा
जिला सीतामढ़ी: बाजपट्टी विधानसभा
जिला मधुबनी: बिस्फी विधानसभा
जिला वैशाली: महुआ विधानसभा
जिला गोपालगंज: गोपालगंज विधानसभा
‘NDA और महागठबंधन को हमारी मौजूदगी का एहसास होगा’
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि हमारी योजना 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की है. एनडीए और महागठबंधन दोनों को हमारी मौजूदगी का एहसास होगा. 2020 में महागठबंधन ने हमें सेक्युलर वोट बांटने का दोषी ठहराया था, अब ऐसा नहीं हो सकता.
‘तेजस्वी को भेजा था गठबंधन का प्रस्ताव’
अख्तरुल ईमान ने कहा कि उन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा कि अब AIMIM अपने क्षेत्रीय आधार का विस्तार करेगी और समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ तीसरे मोर्चे के गठन की संभावना तलाश रही है.
बिहार में AIMIM की स्थिति
पिछले विधानसभा चुनाव में AIMIM ने बसपा और रालोसपा के साथ गठबंधन किया था और 5 सीटें जीती थीं, जिससे RJD-कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को नुकसान हुआ. हालांकि, 2022 में AIMIM के 4 विधायक RJD में शामिल हो गए. अब अख्तरुल ईमान ही बिहार में AIMIM के एकमात्र विधायक हैं. विश्लेषकों के अनुसार AIMIM बिहार में मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र को अपना सबसे बड़ा आधार मानती है. राज्य में मुस्लिम आबादी लगभग 17 प्रतिशत है, लेकिन उन्हें विधानसभा में प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं मिला है.
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