More
    HomeHomeभारत की मेहमाननवाजी में तालिबान के विदेश मंत्री, मुनीर और ट्रंप की...

    भारत की मेहमाननवाजी में तालिबान के विदेश मंत्री, मुनीर और ट्रंप की क्यों बढ़ी टेंशन?

    Published on

    spot_img


    तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी एक हफ्ते के भारत दौरे पर हैं. मुत्तकी का भारत दौरा दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस दौरे से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सैन्य प्रमुख आसिम मुनीर घबराए हुए हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टेंशन बढ़ी हुई है. 

    अमीर खान मुत्तकी विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात करेंगे. साथ ही ताजमल और देवबंद के दारुल उलूम मदरसे का भी दौरा करेंगे. लेकिन जानना ये जरूरी है कि तालिबान के विदेश मंत्री के भारत दौरे से आसिम मुनीर और डोनाल्ड ट्रंप टेंशन में क्यों हैं?

    तालिबान ने 15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान पर कब्जा किया था. तालिबानियों ने ना सिर्फ अफगान सरकार को उखाड़ फेंका था बल्कि अमेरिकी सैनिकों से भी अफगानिस्तान को खाली करवा लिया था. उस समय ऐसा लगा था कि अफगानिस्तान के दरवाजे भारत के लिए बंद हो गए हैं. भारत को अपना काबुल दूतावास और अफगानिस्तान के दूसरे शहरों में मिशन बंद करना पड़ा था. लेकिन ये सारी आशंकाएं गलत साबित हुईं और दोनों देशों के बीच रिश्ते एक बार फिर मजबूती की तरफ बढ़ रहे हैं.

    तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी सीधे रूस की यात्रा से भारत आए हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस योजना का विरोध किया है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस वापस लेने की बात कही थी. इस मुद्दे पर तालिबान को पाकिस्तान, चीन, रूस और भारत ने सपोर्ट किया है.

    तालिबान के सपोर्ट में एक साथ 9 देश सीधे सीधे डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ खड़े हो जाते हैं. वो भी उस वक्त जब डोनाल्ड ट्रंप बार बार एक ही रट लगाए हुए हैं, कि उन्हें अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस वापस चाहिए. ट्रंप ने 18 सितंबर को भी ब्रिटिश पीएम किएर स्टार्मर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हमने बगराम तालिबान को मुफ्त में दे दिया, अब हम इसे वापस लेंगे.

    ऐसे में तालिबानी विदेश मंत्री का भारत आना और भारत का बगराम एयरबेस पर तालिबान का सपोर्ट करना. सीधे-सीधे डोनाल्ड ट्रंप को आंखें दिखाने जैसा है. अब आपको बताते हैं कि आखिर ट्रंप क्यों बगराम एयरबेस को किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहते हैं.

    बगराम एयरबेस अफगानिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाना रहा है. ये अफगानिस्तान के सेंटर में है, जहां से पूरे देश में आसानी से ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं. साल 2001 में तालिबान शासन गिरने के बाद अमेरिका और नाटो सेनाओं ने बगराम को अपना सबसे बड़ा बेस बना लिया. यहीं से अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी और सैन्य अभियान चलते थे. यहां लंबा रनवे, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और मरम्मत सुविधाएं थीं. अमेरिका के लड़ाकू विमान, ड्रोन और हेलिकॉप्टर यहीं से उड़ते थे. बगराम में एक बड़ा डिटेंशन सेंटर भी था, जहां आतंकी और संदिग्ध कैद किए जाते थे.

    2021 में जब अमेरिकी सेना ने अचानक इसे खाली किया, तो ये तालिबान की बड़ी जीत मानी गई. बगराम से अमेरिकी सेना की वापसी, जो बाइडेन सरकार के समय हुई. अब ट्रंप बाइडेन सरकार के इस फैसले की तगड़ी आलोचना करते हैं और कहते हैं कि हम होते तो कभी बगराम को नहीं छोड़ते और इसका कारण है कि ट्रंप बगराम एयरबेस से चीन की निगरानी करना चाहते हैं तो अफगानिस्तान के खनिज संसाधनों तक भी पहुंचना चाहते हैं.

    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप की चेतावनी के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि बगराम को दोबारा लेना आसान नहीं होगा. इसके लिए 10 हजार से ज्यादा सैनिकों की जरूरत होगी. लेकिन मॉस्को फॉर्मेट के बाद ट्रंप की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

    और अब रूस से सीधे तालिबानी विदेश मंत्री का भारत दौरे पर आना भी यकीनन ट्रंप के लिए चौंकाने वाला होगा. बता दें कि तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रतिबंधित आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल हैं. इसीलिए उन्हें भारत आने के लिए विशेष छूट लेनी पड़ी है. ऊपर से भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है. अभी तक दुनिया में रूस एकमात्र देश है जिसने तालिबान को मान्यता दी है.

    ऐसे में पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए भी मुत्तकी की भारत यात्रा किसी बड़े झटके से कम नहीं है. ये तो बाद की बात है कि भारत, तालिबान को मान्यता देगा या नहीं? पाकिस्तान के लिए बुरी खबर ये है कि ये वही अमीर खान मुत्तकी हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की थी. इसके कुछ ही दिनों बाद मई महीने में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और अमीर खान मुत्तकी के बीच फोन पर बात हुई और अब पांच महीने बाद दोनों की दिल्ली में मुलाकात होनी है. 

    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ ने भी तालिबानी विदेश मंत्री के भारत दौरे पर कहा है कि अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से ‘खट्टे और कड़वे रहे हैं’ जो अब और खराब हो चुके हैं. आसिम मुनीर, शहबाज शरीफ और पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं को भारत और तालिबान की नजदीकियां रास नहीं आ रही हैं क्योंकि पाकिस्तान को लगता है कि अब उसके आतंक पर लगाम आसानी से लग सकती है.

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    Tara Sutaria cheers as Veer Pahariya blows her a kiss at fashion show. Watch

    At Lakme Fashion Week 2025, a charming off-ramp moment stole the spotlight when...

    ‘Grey’s Anatomy’ Boss Explains Painful Season 22 Premiere Casualty: “I Cried on That Phone Call”

    Grey’s Anatomy ended its 21st season with one of its biggest hospital explosions...

    How ‘Law & Order: SVU’ Just Wrote Out Velasco

    Heading into the latest Law & Order: SVU episode, Detective Joe Velasco (Octavio Pisano)...

    Pak Fumes Over Afghan Minister’s India Visit: Defence Minister Warns ‘Enough Is Enough’

    As Afghan minister Amir Khan Muttaki undertakes an official visit to India, Pakistan's...

    More like this

    Tara Sutaria cheers as Veer Pahariya blows her a kiss at fashion show. Watch

    At Lakme Fashion Week 2025, a charming off-ramp moment stole the spotlight when...

    ‘Grey’s Anatomy’ Boss Explains Painful Season 22 Premiere Casualty: “I Cried on That Phone Call”

    Grey’s Anatomy ended its 21st season with one of its biggest hospital explosions...

    How ‘Law & Order: SVU’ Just Wrote Out Velasco

    Heading into the latest Law & Order: SVU episode, Detective Joe Velasco (Octavio Pisano)...