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    बड़ा डेलिगेशन लेकर मुंबई पहुंचे ब्रिटिश PM स्टार्मर, माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर भी होगी बात!

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    ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर  दो दिवसीय भारत यात्रा पर बुधवार को मुंबई पहुंच गए हैं. इस दो दिवसीय यात्रा में भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार, निवेश, और प्रौद्योगिकी संबंधों समेत द्विपक्षीय साझेदारी के सभी पहलुओं पर चर्चा होगी.

    ब्रिटिश पीएम के साथ 100 से ज्यादा व्यापारिक नेताओं, विश्वविद्यालय के कुलपतियों और सांस्कृतिक प्रमुखों का एक बड़ा डेलिगेशन भी भारत आया है. बताया जा रहा है कि शिखर बैठक में विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों के संभावित प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हो सकती है.

    FTA से 90% टैरिफ हटेगा

    ब्रिटिश पीएम की ये यात्रा पीएम मोदी के निमंत्रण पर हो रही है, जहां दोनों भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति का जायजा लेंगे जो जुलाई में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के साथ निर्धारित ‘विजन 2035’ के तहत 10 साल के रोडमैप पर आधारित है. इस समझौते को भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) के रूप में जाना जाता है जो ब्रिटिश संसद द्वारा अनुमोदन के बाद 90 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं से टैरिफ हट जाएगा.

    ‘भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था’

    भारत पहुंचने के बाद ब्रिटिश पीएम ने कहा कि हमने जुलाई में भारत के साथ एक बड़ा व्यापार समझौता किया था जो किसी भी देश द्वारा किया गया सबसे सुरक्षित समझौता है, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. उसकी हम आगे बढ़ाएंगे. भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है और उसके साथ हमारा व्यापार तेज और सस्ता होने वाला है, ऐसे में अवसरों का लाभ उठाने का कोई विकल्प नहीं है.

    उन्होंने कहा कि इस हफ्ते मुंबई में हमारे 125 सबसे बड़े घरेलू नामों के साथ ब्रिटिश व्यापार जगत का झंडा बुलंद करेंगे, क्योंकि उनके लिए भारत में विकास का मतलब है ब्रिटिश लोगों के लिए घर पर ज्यादा विकल्प, अवसर और रोजगार.

    माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर होगी बात?

    प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत और ब्रिटेन की शिखर वार्ता में विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों के संभावित प्रत्यर्पण पर चर्चा होने की संभावनाएं हैं. हाल ही में भारत ने ब्रिटेन के अधिकारियों को नीरव मोदी के प्रत्यर्पण में तेजी लाने का नया आश्वासन दिया है.

    ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को करेंगे संबोधित

    इस बहुप्रतीक्षित यात्रा में स्टार्मर और मोदी मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के छठ संस्करण में भाग लेंगे और संबोधित करेंगे, जिसमें पिछले वर्ष संपन्न भारत-यूके प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (टीएसआई) पर प्रकाश डाला जाएगा, जिसका उद्देश्य दूरसंचार, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण खनिजों जैसी महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना है.

    स्टार्मर की इस यात्रा का फोकस भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (टीएसआई) पर भी होगा, जिसका उद्देश्य टेलीकॉम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है.

    प्रधानमंत्री की यात्रा के साथ भारत आए प्रतिनिधिमंडल में शामिल रिचर्ड हील्ड ने कहा, ‘ब्रिटिश पीएम की भारत यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है जो साझा समृद्धि और आपसी सम्मान पर आधारित है.’

    यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूकेआईबीसी) के अध्यक्ष हील्ड ने कहा, ‘यूके-भारत कॉरिडोर वैश्विक स्तर पर सबसे आशाजनक आर्थिक संबंधों में से एक है और हम नवाचार, अवसर और पारस्परिक महत्वाकांक्षा पर आधारित इसके निरंतर विकास का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं.’

    हील्ड यूके के लघु और मध्यम उद्यमों के लिए भारतीय प्रवेश रणनीतियों पर एक सत्र को भी संबोधित करने वाले हैं.

    साथ आए 100 से ज्यादा व्यापारिक नेता

    वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ 100 से अधिक व्यापारिक नेताओं, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और सांस्कृतिक प्रमुखों का एक प्रतिनिधिमंडल भी भारत यात्रा पर आया है जो व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी और शिक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के मिशन के उद्देश्य को दिखाता है.

    इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) यूके के अध्यक्ष लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने कहा, ‘लगभग नौ साल बाद इतने बड़े पीएम प्रतिनिधिमंडल से मैं बेहद खुश हूं. ये स्पष्ट संदेश देता है कि भारत के साथ व्यापार में ब्रिटेन गंभीर है.’

    उन्होंने कहा, ‘जुलाई में चेकर्स में एफटीए पर हस्ताक्षर के तीन महीने के अंदर दोनों प्रधानमंत्रियों का एक-दूसरे के देश में फिर से मिलना लगभग अभूतपूर्व है.’

    लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) में दक्षिण एशिया के वरिष्ठ फेलो राहुल रॉय चौधरी ने कहा कि यह यात्रा, दोनों नौसेनाओं के अरब सागर में संयुक्त अभ्यास कोंकण के समय हो रही है जो भारतीय और ब्रिटिश कंपनियों के बीच महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और औद्योगिक साझेदारी के अवसर का प्रतीक है, जिसमें नौसेना इलेक्ट्रिक प्रणोदन भी शामिल है.

    उनका मानना है कि स्टार्मर की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षण पर हो रही है.

    रॉय-चौधरी ने कहा, ‘भारत जो ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ से स्तब्ध है तथा ट्रंप के अगले ट्वीट को लेकर चिंता में है, तथा रूस या चीन की ओर झुकाव की उसकी इच्छा कम है, इसलिए ये ब्रिटेन और यूरोपीय संघ की ओर अपनी विदेशी और सुरक्षा साझेदारियों के विविधीकरण को प्रोत्साहित करता है.’

    चीन से पहले भारत की यात्रा

    उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन के लिए ये यात्रा लगभग 20 लाख ब्रिटिश भारतीय प्रवासी समुदाय की मेज़बानी करते हुए, एक उभरती हुई सुपर अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है. गौरतलब है कि स्टार्मर की भारत यात्रा चीन की यात्रा से पहले हो रही है.’

    फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की महानिदेशक ज्योति विज ने कहा कि स्टार्मर की यात्रा ऐसे निर्णायक क्षण में हो रही है, जब सीईटीए के वादे को ठोस व्यावसायिक परिणामों में बदला जा सकता है.

    उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इस भागीदारी से उन्नत विनिर्माण, हरित वित्त, डिजिटल नवाचार और कुशल पेशेवरों की गतिशीलता में नए अवसर खुलेंगे- जिससे भविष्य के लिए तैयार साझेदारी बनेगी जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं में विकास, स्थिरता और साझा समृद्धि को समर्थन देगी.’

    44.1 बिलियन पाउंड का व्यापार

    ब्रिटेन के व्यापार एवं व्यापार विभाग (डीबीटी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत और ब्रिटेन के बीच वस्तुओं और सेवाओं का कुल व्यापार अब लगभग 44.1 बिलियन पाउंड होने का अनुमान है. 24 जुलाई को मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित व्यापार समझौते से इन आंकड़ों में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है तथा 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को कम से कम दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है.

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