महाराष्ट्र के मीरा-भायंदर और वसई-विरार पुलिस ने लोगों को साइबर गुलामी की जाल में फंसाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये गिरोह थाईलैंड और म्यांमार में मानव तस्करी करता था. वहां लोगों को फंसाकर साइबर गुलाम बना लेता था. वहां से छोड़ने के एवज में उनसे लाखों रुपए वसूलता था. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. उनकी पहचान आसिफ खान और रोहित मर्दाना के रूप में हुई है.
एमबीवीवी पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि यह गिरफ्तारी दो युवकों की शिकायत के बाद की गई, जो विदेश में किए गए अत्याचार और साइबर क्राइम से बचने के लिए 6-6 लाख रुपए देकर भारत लौटे थे. दोनों पीड़ितों ने पुलिस को विस्तार से बताया कि उन्हें नौकरी का झांसा देकर अगस्त 2025 में थाईलैंड भेजा गया था. लेकिन वहां से म्यांमार ले जाकर बंदी बना दिया गया था.
दोनों युवकों को म्यांमार में यूयू8 नामक कंपनी के लिए काम करने के लिए मजबूर किया गया. इसका प्रबंधन चीनी नागरिक लियो और भारतीय स्टीव अन्ना कर रहे थे. उन्हें भारतीय महिलाओं के नाम पर फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाने और विदेशी भारतीयों को क्रिप्टोकरेंसी-बिटकॉइन निवेश में फंसाने का प्रशिक्षण दिया गया. यदि कोई पीड़ित उन लोगों का सहयोग नहीं करता, तो उन्हें प्रताड़ित किया जाता था.
उन दोनों युवकों को उनकी रिहाई के बदले 6 लाख रुपए मांगे गए. उन पैसों को पांच अलग-अलग भारतीय बैंक खातों में ट्रांसफर कराया गया. कुछ दिन पहले ही दोनों भारत लौटे और पुलिस से संपर्क किया. इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी. इस दौरान आरोपियों का पता चला.
इसके बाद पुलिस की एक टीम ने मुख्य आरोपी आसिफ खान को मीरा रोड से गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर उसके सहयोगी रोहित कुमार मर्दाना को सूरत से गिरफ्तार किया गया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ठगी गई रकम के स्रोत का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. भारत और विदेश में शामिल इस गिरोह के अन्य गुर्गों की पहचान के लिए विस्तृत जांच की जा रही है.
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