नेपाल में बीते 36 घंटों से जारी भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. बारिश के बाद हुए भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने सड़कों को बंद कर दिया, पुल बह गए और कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों के मुताबिक, कई लोग अब भी लापता हैं और बचाव अभियान जारी है.
नेपाल पुलिस के प्रवक्ता बिनोद घिमिरे ने बताया कि अलग-अलग जगहों पर हुए भूस्खलनों में 18 लोगों की जान गई है. वहीं, दक्षिण नेपाल में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हुई है और उदयपुर जिले में बाढ़ की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हुई है.
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) की प्रवक्ता शांति महत ने बताया कि 11 लोग बाढ़ में बह गए हैं और अब तक लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू टीमें लगातार काम कर रही हैं. उन्होंने कहा, “राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन खराब मौसम के कारण कई इलाकों में पहुंचना मुश्किल हो रहा है.”
भूस्खलन की वजह से कई हाईवे बंद
अधिकारियों ने बताया कि कई हाईवे भूस्खलन की वजह से बंद हो गए हैं और कई पुल बाढ़ में बह गए हैं, जिससे सैकड़ों यात्री रास्ते में फंसे हुए हैं. प्रशासन ने फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए सेना और स्थानीय टीमों की मदद ली है.
काठमांडू एयरपोर्ट के प्रवक्ता रिंजी शेरपा ने बताया कि घरेलू उड़ानें बुरी तरह प्रभावित हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिलहाल सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही कोसी नदी
इस बीच, दक्षिण-पूर्वी नेपाल की कोसी नदी, जो हर साल भारत के बिहार राज्य में बाढ़ का कारण बनती है, इस समय खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है.
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सरकार ने प्रभावित जिलों में आपात स्थिति जैसी तैयारियां शुरू कर दी हैं और लोगों से ऊंचे इलाकों में जाने की अपील की है. नेपाल में इस साल मानसून के दौरान अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग अब भी लापता हैं.
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