बीती रात मुंबई के जोगेश्वरी मेट्रो स्टेशन के नीचे बने बीएमसी के ड्रेनेज होल में एक युवक का पैर फंस गया. तमाम कोशिश के बाद भी जब उसका पैर होल से नहीं निकला तो मौके पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पैर बाहर निकाला और युवक को नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया.
सड़क को काटकर निकाला गया पैर
पीड़ित युवक का नाम सिद्देश है. घटना देर रात लगभग 12 बजे की है. स्थानीय मनसे पदाधिकारी सोनाली शिवाजी पाटिल के मुताबिक उस वक़्त तीन ग्रुप वहां शराब पी रहे थे. अचानक विवाद हुआ. जिसके बाद एक ग्रुप भाग गया. जबकि दो के बीच मारपीट होने लगी. इसी दौरान सिद्देश का पैर बीएमसी द्वारा बनाए गए पानी निकासी के होल में जा फंसा.
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शुरुआत में सिद्देश और उसके साथियों ने पैर निकालने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे. मजबूरन पुलिस और फायर ब्रिगेड को बुलाया गया. करीब चार घंटे तक सड़क को काटने के बाद सिद्देश को बाहर निकाला गया. इस दौरान उसका ऑक्सीजन लेवल भी गिर गया था.
बरसाती पानी निकालने के लिए बनाया गया है होल
बीएमसी ने ये होल बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाए हैं. बड़ी संख्या में मौजूद होल में न तो जाली लगी है और न ही कोई चेतावनी बोर्ड लगा है. ऐसे में यह हादसा किसी के साथ हो सकता है और पैर फंस सकता है. इस घटना के बाद सवाल है कि क्या बीएमसी को इन होल्स पर सुरक्षा कवच नहीं लगाना चाहिए था? क्या लोगों की सुरक्षा को लेकर बीएमसी इतने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम कर सकता है? आखिर इन खुले खतरनाक होल्स की जिम्मेदारी कौन लेगा?
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