बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले करीब तीन साल से सस्पेंड चल रहे आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को बड़ी राहत देते हुए निलंबनमुक्त कर दिया गया है. हालांकि डीजीपी को हाई कोर्ट जज के नाम पर फर्जी कॉल कराने के आरोपों में घिरे आदित्य कुमार के खिलाफ विभागीय जांच अब भी जारी है.
तीन साल बाद मिली राहत
बिहार कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को करीब तीन साल बाद निलंबन से बड़ी राहत मिली है. सरकार ने उन्हें निलंबनमुक्त कर दिया है. गृह विभाग ने शुक्रवार को इसका आदेश जारी किया. आदेश के मुताबिक, 3 अक्टूबर 2025 से उन्हें निलंबन मुक्त करते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में योगदान देने को कहा गया है.
जज के नाम से फर्जी कॉल कराने का आरोप
आदित्य कुमार पर आरोप था कि उन्होंने डीजीपी को हाई कोर्ट जज के नाम से फर्जी कॉल कराई थी. इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद अक्टूबर 2022 में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था.
हालांकि विभागीय और आपराधिक कार्रवाई अभी जारी है और उसका अंतिम निपटारा बाद में किया जाएगा. बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले आईपीएस आदित्य कुमार को यह राहत मिली है.
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