कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों दक्षिण अमेरिकी देशों के दौरे पर हैं. कोलंबिया के एक विश्वविद्यालय में दिए गए उनके लेक्चर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वह छात्रों को डिसेंट्रलाइजेशन ऑफ पावर (सत्ता का विकेंद्रीकरण) समझा रहे थे. इसके लिए राहुल गांधी उदाहरण के रूप में बाइक और कार के इंजनों और वजन की तुलना कर रहे हैं. बीजेपी ने इसको लेकर कांग्रेस नेता की चुटकी ली और कहा कि हार्ले-डेविडसन से लेकर टोयोटा तक के इंजीनियर उनके ‘अद्भुत इंजीनियरिंग ज्ञान’ को सुनकर अपनी छाती पीट रहे होंगे.
कोलंबिया के मेडेलिन शहर में स्थित ईआईए विश्वविद्यालय में गत 1 अक्टूबर को एक सेमिनार को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने वहां उपस्थित छात्रों के सामने एक दिलचस्प सवाल रखा. उन्होंने पूछा, ‘अगर कार में एक यात्री चल रहा है, तो एक यात्री को ले जाने के लिए कार में 3,000 किलो मेटल की जरूरत होती है. और एक मोटरसाइकिल में 100 किलो मेटल होता है, और वह दो यात्रियों को ले जा सकती है. तो फिर एक मोटरसाइकिल 150 किलो मेटल के साथ दो यात्रियों को क्यों ले जा सकती है और एक कार को एक यात्री को ले जाने के लिए 3,000 किलो मेटल की जरूरत क्यों होती है?’
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सेमिनार में उपस्थित इंजीनियरिंग छात्रों से इस प्रश्न का उत्तर पूछते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके प्रश्न के केंद्र में दुनियाभर में चल रहा इलेक्ट्रिक व्हीकल ट्रांजिशन (परंपरागत ईंधन से चलने वाले वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों का लेना) है. दर्शकों में से किसी ने राहुल गांधी के इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की, जिस पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘नहीं. मेरा सवाल यह है कि कार में ऐसा क्या है कि 3,000 किलो मेटल की जरूरत पड़ती है? इसका जवाब है इंजन. क्योंकि दुर्घटना के समय कार का इंजन टक्कर लगने पर आपकी जान ले लेता है. वहीं मोटरसाइकिल हल्की होती है तो दुर्घटना के समय टक्कर लगने पर उसका इंजन अलग हो जाता है. है ना?’
I haven’t heard this much gibberish in one go. If anyone can decode what Rahul Gandhi is trying to say here, I would be glad to be enlightened. But if you are as amused as I am, rest assured, you are not alone! pic.twitter.com/DlECPO0tcU
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 2, 2025
राहुल गांधी ने छात्रों को समझाते हुए कहा, ‘मोटरसाइकिल से जब किसी चीज की टक्कर होती है, तो इंजन अलग हो जाता है. इसलिए इंजन आपको नुकसान नहीं पहुंचाता. जबकि कार में, जब टक्कर होती है, तो इंजन अंदर आ जाता है. इसलिए पूरी कार को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि इंजन आपकी जान ना ले सके.’ राहुल ने छात्रों से कहा कि कार की इस समस्या का समाधान इलेक्ट्रिक मोबिलिटी है. उन्होंने कहा, ‘इलेक्ट्रिक मोटर को आप कार में कहीं भी लगा सकते हैं. इसलिए, इलेक्ट्रिक मोटर डिसेंट्रलाइजेशन ऑफ पावर है और वास्तव में यही इसका इफेक्ट है. है ना?’
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दिल्ली पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी के इस लेक्चर का वीडियो चलाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘हार्ले-डेविडसन से लेकर टोयोटा तक और वोक्सवैगन से लेकर फोर्ड तक, मैकेनिकल इंजीनियर राहुल गांधी के इस अद्भुत इंजीनियरिंग ज्ञान को सुनकर अपनी छाती पीट रहे होंगे. जिस किसी को भी उनके ज्ञान पर संदेह था, यह सुनने के बाद वह मिट गया होगा.’
सुधांशु त्रिवेदी ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘कांग्रेस में कई लोग हैं जो अपने विषयों के विशेषज्ञ हैं, जिनमें उनके (राहुल गांधी के) अंकल सैम पित्रोदा भी शामिल हैं, जो स्थायी रूप से विदेश में रहते हैं और उनकी इमेज एक इंटेलेक्चुअल की है. कांग्रेस में पी चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी, शशि थरूर, मनीष तिवारी और यहां तक कि जयराम रमेश जैसे कई विद्वान लोग हैं. मुझे अचरज होता है कि विदेशी विश्वविद्यालयों द्वारा राहुल गांधी को ही लेक्चर देने के लिए क्यों आमंत्रित किया जाता है?’
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