उत्तराखंड की तीर्थनगरी हरिद्वार से इंसानियत को शर्मसार करने का मामला सामने आया है. यहां एक गरीब व्यक्ति की गर्भवती पत्नी को महिला अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया, जिसके बाद उसने फर्श पर तड़पते हुए बच्चे को जन्म दिया. परिजनों का आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने गर्भवती महिला को बाहर निकाल दिया और कहा कि यहां डिलीवरी नहीं होगी.
अस्पताल स्टाफ ने भी मदद करने से इनकार कर दिया. पूरी घटना का वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं, वायरल वीडियो में गर्भवती महिला जमीन पर बैठी दर्द से चीख रही है और कोई उसकी मदद नही कर रहा है.
पीड़िता की परिजन,सोनी का कहना है कि ‘जब मैं यहां सुबह आई तो उसने सारी चीज बताई कि किस तरह से उसके साथ व्यवहार किया गया और जब अंदर लेकर गए तो बेड पर लिटाने के लिए कोई तैयार नहीं था. डिलीवरी हो गई तो कहा कि- ‘… और बच्चा पैदा करेगी?’ क्या कोई ऐसे बोलता है? यहां जो डॉक्टर बन के बैठी हुई थी और नर्स थी वह बोल रही थी कि उनकी रात की ड्यूटी थी. रात में ही 1:30 बजे लड़की हुई है. दोनों ठीक से हैं. ऐसी लापरवाही होती है तभी जच्चा बच्चा को जान का खतरा हो जाता है.अगर बच्चे को कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदारी लेता, जमीन पर ही डिलीवरी हुई है. हमारी मांग है कि कोई भी आगे से आए तो उसके साथ अच्छे से ट्रीटमेंट करें यहां पर लोग दुख में आते हैं खुशी से नहीं आते हैं.’
सीएमओ आरके सिंह का कहना है कि मैंने महिला चिकित्सालय से पता किया है और इसको मैं लिखित में मंगवा भी रहा हूं. मेरे संज्ञान में लाया गया है कि रात में करीब 9.30 बजे महिला आई थी और उसको इमेरजेंसी रूम में एडमिट किया गया था. महिला की डिलीवरी में समय था.इसके बाद 1:30 बजे इसकी डिलीवरी हुई है .वीडियो की सत्यता पर संदेह है ,कोई भी ऐसी सूचना जो मेरे पास आई है, गायनोलोनिस्ट से बात हुई है ,उसमें ऐसा कुछ नहीं बताया है. अगर कोई भी दोषी होगा तो उसमें कारवाई की जाएगी.
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