उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले शुक्रवार को हुई हिंसा की साजिश के तार मौलाना तौकीर रजा से जुड़े पाए गए. पुलिस और प्रशासन ने तौकीर रजा और उनके मददगारों पर अब तक का सबसे बड़ा अभियान छेड़ दिया है. अब तक 81 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. तीन आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में पकड़ लिया, जबकि कई पर कानूनी शिकंजा कसा गया है.
यही नहीं, तौकीर रजा के करीबियों के ठिकानों पर बुलडोजर भी चलना शुरू हो गया है. सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन कैमरे की फुटेज से बाकी आरोपियों की भी पहचान की जा रही है.
पंद्रह साल से साजिश, पहली बार कड़ा एक्शन
तौकीर रजा पर आरोप है कि वह पिछले पंद्रह साल से अलग-अलग मौकों पर बरेली का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते रहे. कई बार उस पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा, लेकिन उनके सहयोगियों तक कार्रवाई नहीं पहुंची थी. पहली बार पुलिस-प्रशासन ने न सिर्फ तौकीर बल्कि उनके हमदर्दों तक कार्रवाई का दायरा बढ़ाया है. उनकी दुकान, संस्था और अवैध निर्माण तक पर बुलडोजर चला है.
शूटर का ‘हाफ एनकाउंटर’
पुलिस गिरफ्त में आए कई आरोपी अब बार-बार हाथ जोड़कर माफी मांग रहे हैं. उनका कहना है कि वे तौकीर रजा के बहकावे में आ गए थे. इनमें से कुछ ने कैमरे पर भी स्वीकार किया कि उन्हें उकसाकर हिंसा के लिए तैयार किया गया था.
पुलिस कार्रवाई में तौकीर के करीबी शूटर को मुठभेड़ में पैर में गोली लगी और अब वह लंगड़ाकर चल रहा है. यह एनकाउंटर संदेश दे रहा है कि अब तक बच निकलने वाले उपद्रवी इस बार बख्शे नहीं जाएंगे.
बरेली पुलिस ने मंगलवार रात सीबी गंज इलाके में हुई मुठभेड़ के दौरान बलवा के आरोपी इदरीस और इकबाल को पकड़ा है. दोनों के पैरों में गोली लगी है. आरोप है कि दोनों ने पुलिस पर फायरिंग की और भीड़ के दौरान एक बंदूक भी छीन ली थी. पुलिस ने उनके पास से लूटी गई रायट गन, तमंचे और कारतूस बरामद किए हैं.
जांच में सामने आया है कि इदरीस पर 20 मामले और इकबाल पर 17 मामले पहले से दर्ज हैं. दोनों शाहजहांपुर के रहने वाले हैं और मास्टरमाइंड नदीम के कहने पर बरेली पहुंचे थे.
संस्था का दफ्तर सील, दामाद तक कार्रवाई
तौकीर रजा की संस्था का दफ्तर सील कर दिया गया है. पुलिस ने उनके दामाद के घर तक छापेमारी की है. जिन लोगों ने हिंसा की योजना बनाई, उनके मकानों और कॉम्प्लेक्स पर चिन्हीकरण कर नोटिस चिपका दिया गया है. एक अवैध कॉम्प्लेक्स को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है.
इसके अलावा सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने तौकीर रजा के करीबी और आईएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नफीस खान को गिरफ्तार किया है. उसके बेटे को भी हिरासत में लिया गया है. आरोप है कि नफीस खान ने तौकीर रजा के पत्र को फर्जी बताकर 50 से ज्यादा वॉट्सऐप ग्रुप्स में शेयर किया और हिंसा भड़काने में अहम भूमिका निभाई. उसके बेटे ने मैसेज वायरल कराने में मदद की. नफीस ने ही शुक्रवार सुबह मौलाना तौकीर रजा का वीडियो बनाकर वायरल किया था. पुलिस का कहना है कि वह आईएमसी संस्था का प्रमुख कर्ताधर्ता है.
बाहरी तत्वों की भूमिका
बरेली हिंसा में पुलिस को एक और बड़ा सुराग मिला है. पथराव में बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग शामिल पाए गए. पुलिस अब यह पता लगा रही है कि ये लोग कितने दिन पहले बरेली पहुंचे थे और उनकी गतिविधियां क्या थीं. इस दिशा में जांच तेज़ कर दी गई है. बरेली के एसएसपी ने साफ कहा है कि हिंसा फैलाने वालों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा. अब तक जो लोग माहौल बिगाड़ते रहे, वे बच जाते थे, लेकिन इस बार हर स्तर पर सख्त कार्रवाई की जा रही है.
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