वसुंधरा राजे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक वीडियो की राजस्थान की राजनीति में काफी चर्चा हो रही है. ये वीडियो बांसवाड़ा के एक कार्यक्रम का है, जिसमें वसुंधरा और मोदी कुछ देर तक आमने सामने बात करते हैं. बात क्या होती है, किसी को नहीं पता, उनको भी नहीं जो मंच पर अगल बगल खड़े हैं – लेकिन मुलाकात में आपसी गर्मजोशी को जरूर महसूस किया जा रहा है.
मंच पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम दीया कुमारी, राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी भी होते हैं. जैसे ही मोदी की नजर वसुंधरा पर पड़ती है, सबको छोड़कर वो उनकी तरफ बढ़ जाते हैं. और, मिलकर बात करते हैं – ये बदला बदला माहौल यूं ही तो नहीं हो सकता, लिहाजा सियासी कयास लगाए जाने लगे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ वसुंधरा राजे की ये खास मुलाकात, और भी खास इसलिए हो जाती है, क्योंकि महीना भर पहले ही वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से भी मिल चुकी हैं. मुमकिन है राजनीतिक निहितार्थ और नतीजे किसी और रूप में सामने आएं, लेकिन ये सब ऐसे दौर में हो रहा है जब बीजेपी अध्यक्ष की भी तलाश चल रही है.
मोदी-शाह से दिल्ली में भी मिल चुकी हैं वसुंधरा
मोदी का वसुंधरा से आगे बढ़कर मिलना ही नहीं, जिस तरह प्रधानमंत्री ने राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री को संबोधित किया उसने भी सभी का ध्यान खींचा. प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का नाम जहां ‘लोकप्रिय सीएम’ कह कर लिया, वहीं पहली बार सार्वजनिक मंच से वसुंधरा राजे को ‘बहन’ बोलकर संबोधित किया.
एकबारगी तो ये बीजेपी में गुटबाजी खत्म करने का प्रयास ही लगता है, क्योंकि भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिए जाने के बाद से वसुंधरा राजे की नाराजगी खुलकर सामने आ गई थी. न तो वो बीजेपी की बैठकों में शामिल होती थीं, न ही स्टार प्रचारकों की सूची में नाम होने के बावजूद चुनाव कैंपेन में हिस्सा ले रही थीं. वसुंधरा को महत्व देकर मोदी ने सबको एक खास मैसेज देने की कोशिश तो की ही है.
जुलाई, 2025 में भी वसुंधरा राजे दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुकी हैं. तब वसुंधरा राजे की मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी हुई थी. और खास बात ये रही कि उन दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी दिल्ली आए हुए थे.
उसके ठीक पहले वसुंधरा राजे अपने विधानसभा क्षेत्र झालावाड़ के पिपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों के परिवार वालों से मिलने पहुंची थीं. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घटना पर दुख और चिंता तो जताई ही, सिस्टम पर भी सवाल उठाया था. वसुंधरा राजे का कहना था, अगर इमारतों का सर्वे हो गया होता, तो ये हादसा टल सकता था.
संघ प्रमुख से मुलाकात, और नागपुर दौरा
महीना भर पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत जोधपुर में थे. मोहन भागवत से मिलने वसुंधरा राजे भी पहुंची थीं, और वहां करीब 20 मिनट तक दोनों की मुलाकात चली. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है, मोहन भागवत से मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे ने नागपुर जाकर भी संघ नेताओं से मुलाकात की थी.
वसुंधरा राजे का संघ से पुराना और गहरा नाता रहा है, जबकि मौजूदा बीजेपी नेतृत्व से अक्सर ही टकराव महसूस किया गया है. उनके मुख्यमंत्री रहते तो हाल ये रहा कि बीजेपी नेतृत्व अपनी मर्जी से राजस्थान बीजेपी का अध्यक्ष भी नहीं नियुक्त कर पाता था, और ऐसे हर काम में वसुंधरा राजे पेच फंसा दिया करती थीं, जो उनकी मर्जी के खिलाफ हुआ करता था.
वसुंधरा राजे को तो 2023 में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भी काफी एक्टिव देखा गया था, लेकिन जब बीजेपी ने नया मुख्यमंत्री चुन लिया, तो उनको हथियार डाल देना पड़ा. चुनाव के पहले भी, और बाद में भी बीच बीच में खबरें आती रहीं कि वसुंधरा राजे को केंद्र में लाने की कोशिशें हुई थीं, लेकिन वो कभी तैयार नहीं हुईं.
बिहार चुनाव बाद बीजेपी को नया अध्यक्ष मिलने की उम्मीद की जा रही है. बीजेपी अध्यक्ष पद के जो भी दावेदार हैं, कुछ लोग वसुंधरा राजे को भी उनमें से एक मानते हैं. हालांकि, बीजेपी नेतृत्व के साथ वसुंधरा राजे के टकराव भरे ट्रैक रिकॉर्ड को देखें तो ये संभव नहीं लगता. लेकिन, वसुंधरा राजे के समर्थक अब भी निराश नहीं हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि वसुंधरा राजे के हालिया प्रयास बेटे दुष्यंत सिंह को केंद्र में मंत्री बनवाने के लिए भी हो सकती हैं – और मंच पर मोदी से हुई मुलाकात तो और भी बहुत कुछ कहती है.
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