बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज हो गई है. राज्य में फाइनल मतदाता सूची (Final Electoral Roll) जारी होने के बाद अब यह साफ हो गया है कि बिहार में कुल 7 करोड़ 42 लाख मतदाता हैं. पिछले साल की सूची यानी 1 जून 2025 तक यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था. इसका मतलब है कि कुल 47 लाख मतदाता सूची से बाहर हो गए हैं, जबकि 1 अगस्त 2025 को जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कुल 7.24 करोड़ मतदाता थे.
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, ड्राफ्ट मतदाता सूची के मुकाबले फाइनल वोटर सूची में 3 लाख 66 हजार नाम अयोग्य होने की वजह से हटाए गए, जबकि ड्राफ्ट रोल में शामिल न होने वाले 21.53 लाख नए मतदाताओं ने फॉर्म 6 भरकर अपना नाम जोड़ा. लोग अपने नाम देखने के लिए voters.eci.gov.in पर क्लिक कर सकते हैं.
अभी भी नाम जोड़ने के लिए कर सकते हैं आवेदन
चुनाव आयोग के मुताबिक अगर कोई योग्य व्यक्ति अब भी अपना नाम मतदाता सूची में शामिल करना चाहता है, तो वह फॉर्म 6 भरकर आवेदन कर सकता है. बशर्ते कि आवेदन चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से दस दिन पहले तक जमा हो. यदि कोई व्यक्ति अंतिम मतदाता सूची में अपने नाम के संबंध में ERO के निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24 के तहत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष पहली अपील और CEO के समक्ष दूसरी अपील दायर कर सकता है.
SIR प्रक्रिया: 22 साल के बाद बड़ा अभियान
बिहार में यह पहला मौका था जब विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR – Special Intensive Revision) के माध्यम से मतदाता सूची को व्यापक रूप से अपडेट किया गया. आयोग के असिस्टेंट डायरेक्टर अपूर्व कुमार सिंह ने बताया कि इस कवायद में राज्य के 38 जिलों के निर्वाचन अधिकारी (DEO), 243 निर्वाचन निबंधन अधिकारी (ERO), 2,976 सहायक निर्वाचन अधिकारी (AERO), लगभग 1 लाख बूथ स्तर अधिकारी (BLO) और लाखों स्वयंसेवक शामिल हुए. इसके साथ ही सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष और 1.6 लाख से अधिक बूथ स्तर एजेंट (BLA) ने भी भाग लिया.
आगे बताया गया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), बिहार ने अपनी नैष्ठिक और कुशल पहल के जरिए इस अभ्यास को सफल बनाया. आयोग ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने जनता में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
राजनीतिक दलों के साथ समन्वय
चुनाव अधिकारी ने बताया कि SIR प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की गईं, ताकि उन्हें पूरी जानकारी और अपडेट मिल सके. 20 जुलाई 2025 तक, CEO/DEO/ERO/BLO ने मतदाताओं की बूथ-स्तरीय सूची राजनीतिक दलों के साथ साझा की. मृतक या स्थायी अप्रवासी के रूप में रिपोर्ट किए गए लोगों को ड्राफ्ट सूची में नहीं शामिल किया गया.
इसके अलावा, ड्राफ्ट रोल में शामिल नहीं किए गए नामों की सूची DEO/DM और CEO कार्यालय में प्रदर्शित की गई ताकि लोग अपनी प्रविष्टि की पुष्टि कर सकें. आयोग ने जोर देकर कहा कि SIR अभ्यास संविधान के अनुच्छेद 326 और ईसीआई के आदर्श वाक्य “कोई भी पात्र मतदाता न छोड़ा जाए” के अनुरूप किया गया.
पटना में 1.63 लाख वोट बढ़े
पटना जिले के प्रशासन ने घोषणा की कि जिले के 14 विधानसभा क्षेत्रों में कुल मतदाता संख्या 48.15 लाख है, जो ड्राफ्ट रोल (1 अगस्त 2025) की तुलना में 1.63 लाख अधिक है. इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 22.75 लाख है. जिले की दिघा विधानसभा सीट में सबसे अधिक 4.56 लाख मतदाता हैं.
यह अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहतन का परिणाम: CEC
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार के मतदाताओं, BLO, ERO, DEO और CEO को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इस 22 साल के अंतराल के बाद SIR प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करना सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम है. सीईसी ने प्रिंट, टीवी और इंटरनेट मीडिया के पत्रकारों को भी विशेष धन्यवाद दिया. उनका कहना है कि मीडिया की जागरूकता और सकारात्मक योगदान ने मतदाताओं तक सही जानकारी पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.
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