एशिया कप 2025 में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 3 बार धूल चटाई और 9वीं बार खिताब भी अपने नाम किया. लेकिन बार-बार मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान नहीं सुधरा. मैदान पर मुकाबले में मिली हार हो या आईसीसी से मिली फटकार… पाकिस्तान तमाम बेइज्जती कराने के बाद भी ड्रामे करता रहा. अंत में जब टीम ने फाइनल में भी पटखनी खाई तो एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ट्रॉफी लेकर ही मैदान से भाग गए. वो ट्रॉफी जिसपर सिर्फ भारत का हक था, जिसे भारत ने लगातार 7 जीत के बाद हासिल किया था और पाकिस्तान को 3 बार रौंदकर कमाया था. उसे पाकिस्तानी नकवी मैदान से लेकर भाग गए.
दरअसल, हुआ ये कि फाइनल में 5 विकेट से जीतने के बाद भारतीय प्लेयर्स ने साफ कह दिया कि वो ट्रॉफी नकवी के हाथों नहीं लेंगे. पोडियम पर नकवी ट्रॉफी के साथ खड़े रहे. लेकिन भारतीय प्लेयर्स अपने फैसले पर अडिग रहे. जबकि मोहसिन नकवी अपनी ज़िद पर अड़े थे और उनका कहना था कि भारत के खिलाड़ियों को ये ट्रॉफी उन्हीं से लेनी होगी. भारी संख्या में स्टेडियम में मौजूद फैंस लगातार चैम्पियन को चीयर करते रहे. अब नकवी के पास जब कोई रास्ता नहीं बचा तो वह ट्रॉफी लेकर ही मैदान से भाग खड़े हुए.
पाकिस्तान ने चुरी ली भारत की जीती हुई ट्रॉफी
शायद ये पहली बार हुआ होगा जब किसी जीती हुई टीम की ट्रॉफी भी हारी हुई टीम ने चुरा ली हो. ये चोरी किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान ने की. इस चोरी के पीछे नकवी का ईगो था, जो इस टूर्नामेंट की शुरुआत से ही बार-बार भारतीय प्लेयर्स तोड़ रहे थे.मंच पर मोहसिन नकवी के अलावा एसीसी के कई अधिकारी थे. नकवी अगर चाहते तो वह ट्रॉफी उन्हें भी दे सकते थे. लेकिन मोहसिन नकवी ने ऐसा होने नहीं दिया.
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भारत के खिलाफ हमेशा जहर उगलते रहें हैं नकवी
मोहसिन नकवी एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष होने के साथ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के भी अध्यक्ष हैं और पाकिस्तान में शहबाज़ शरीफ की सरकार में आंतरिक मामलों के भी मंत्री हैं. कड़वा सच ये है कि मोहसिन नकवी ने इस एशिया कप के दौरान एक बार नहीं बल्कि कई बार भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की. उन्होंने आईसीसी से भारतीय कप्तान सूर्या को हटाने तक की शिकायत की, टूर्नामेंट के बहिष्कार की धमकी दी. यही नहीं उन्होंने फाइनल से कुछ घंटे पहले X पर एक पोस्ट को री-पोस्ट किया, जिसमें पाकिस्तानी टीम के खिलाड़ियों को वायु सेना की यूनिफॉर्म में दिखाया गया था.
भारतीय टीम ने पहले ही बता दिया था अपना फैसला
22 अप्रैल को जब पहलगाम का आतंकवादी हमला हुआ था, तब मोहसिन नकवी ने कहा था कि ये एक ड्रामा है और ये हमला भारत ने खुद कराया होगा. सोचिए ऐसे भारत विरोधी घटिया मानसिकता के व्यक्ति से हमारी टीम ट्रॉफी कैसे ले लेती. भारतीय टीम ने ट्रॉफी का अपमान नहीं किया बल्कि बस पाकिस्तान से दूरी रखनी चाही. यही नहीं भारतीय टीम ने फाइनल मैच से पहले ही बता दिया था कि वह मोहसिन नकवी से इस ट्रॉफी को नहीं लेंगे.
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हारी ट्रॉफी से झूठी जीत का नाटक कर सकता है पाकिस्तान
पाकिस्तान ने एशिया कप की ट्रॉफी और मेडल्स को तो चुरा लिया लेकिन नियमों के तहत इन्हें वो पाकिस्तान लेकर नहीं जा सकता. हालांकि पाकिस्तान का कोई भरोसा नहीं है. जिस तरह भारत से युद्ध में हारने के बाद भी पाकिस्तान की सरकार अपने स्कूलों में बच्चों को ये पढ़ा रही है कि ऑपरेशन सिंदूर नाकाम रहा था और पाकिस्तान की सेना भारत के खिलाफ युद्ध में विजयी हुई थी, ठीक उसी तरह पाकिस्तान कल को अपने स्कूलों में ये भी पढ़ा सकता है कि एशिया कप में भारत की टीम जीती नहीं थी और वो सबूत के तौर पर इस ट्रॉफी को दिखा सकता है, जिसे मोहसिन नकवी ने हमसे चुरा लिया है.
पाकिस्तान के लिए ये कोई नया काम नहीं है. आजादी के बाद से ही बार-बार युद्ध में पटखनी खाने वाला पाकिस्तान अपने बच्चों को यही झूठी कहानी बताता है कि उसने हर लड़ाई में झंडे गाड़े हैं. लेकिन हकीकत पूरी दुनिया जानती है.
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