कानपुर पुलिस ने शुक्रवार की नमाज के बाद सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करने वाले ज़ुबैर अहमद खान उर्फ जुबैर गाजी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने भड़काऊ ऑडियो क्लिप चलाकर भीड़ को उकसाने की कोशिश की.
पहले उन्नाव पुलिस में था सिपाही
जांच में पता चला है कि जुबैर पहले उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही था. वह उन्नाव जिले में तैनात था, लेकिन 2021 में विभागीय कार्रवाई के तहत सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. पुलिस का कहना है कि बर्खास्तगी के बाद से वह कई गतिविधियों में सक्रिय था और स्थानीय स्तर पर अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रहा था.
सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि आरोपी हाल ही में समाजवादी पार्टी से जुड़ा था. सोशल मीडिया पर जुबैर की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें वह सपा कानपुर जिलाध्यक्ष फजल महमूद के साथ नजर आ रहा है. इन तस्वीरों के सामने आने के बाद उसकी राजनीतिक नजदीकियां चर्चा का विषय बन गई हैं.
सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल
जुबैर की राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े कई पोस्ट और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं. इन तस्वीरों के चलते अब विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सियासी आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं.
क्या रही पुलिस की कार्रवाई?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है. उसके मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि भड़काऊ ऑडियो कहां से आया और इसके पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं. पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या यह घटना किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा थी.
जुबैर की गिरफ्तारी ने कानपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है. समाजवादी पार्टी की स्थानीय इकाई फिलहाल इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है.
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