उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में ‘I Love Muhammad’ अभियान को लेकर शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. इसके मद्देनजर प्रशासन ने इंटरनेट पर बैन लगा दिया है. इसके साथ ही बाराबंकी और मऊ में भी तनाव बढ़ गया है. हालात देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. पुलिस रिपोर्ट में बरेली हिंसा को सुनियोजित साजिश बताया गया है.
बरेली में शुक्रवार रात की झड़पों के बाद बाराबंकी के फैजुल्लागंज गांव में एक बैनर विवाद का केंद्र बना. यहां ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा एक बैनर फाड़ दिए जाने के बाद हालात बिगड़ गए. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि चौकीदार धन्नी ने डंडे से रस्सी तोड़कर बैनर गिराया. इसके बाद एक समुदाय के लोग बड़ी संख्या में घटनास्थल पर पहुंच गए और विरोध जताने लगे.
यहां माहौल गर्म होते देख दूसरा पक्ष भी इकट्ठा हो गया और पूरे गांव में तनाव फैल गया. इसी बीच, कुछ युवकों पर आरोप है कि उन्होंने चौकीदार धन्नी के घर पर हमला कर तोड़फोड़ करते हुए सामान भी चुरा लिया. पीड़ित की पत्नी ने पुलिस को इस घटना की शिकायत दी है. मस्जिद में लगे सीसीटीवी कैमरे में चौकीदार को कथित रूप से बैनर गिराते हुए कैद किया गया है.
पुलिस ने वीडियो अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है. घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी पहुंचे और कई थानों की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया. बाराबंकी पुलिस ने दावा किया कि अब गांव में हालात सामान्य हैं, लेकिन तनाव की वजह से सख्त सतर्कता बरती जा रही है. वहीं, मऊ जिले में जुमे की नमाज के बाद नई बाजार इलाके में जुलूस निकला.
कुछ लोगों को ‘आई लव मोहम्मद’ के नारे लगाते हुए देखा गया. पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और न मानने पर लाठियां चलाकर भीड़ को खदेड़ दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. मऊ के एसपी इलामारन ने कहा कि सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग की जा रही है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. वाराणसी में भी इसी विवाद को लेकर गिरफ्तारियां हुईं.
22 सितंबर को वाराणसी के सिगरा इलाके से सात लोगों और लल्लापुरा से एक किशोर को पुलिस ने पकड़ा. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, लल्लापुरा में 15-20 अज्ञात व्यक्ति ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर और पोस्टर लेकर अनधिकृत जुलूस निकाल रहे थे. तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था, नारेबाजी हो रही थी और यातायात बाधित हो रहा था. इससे लोगों में डर और गुस्सा फैल गया.
पुलिस का कहना है कि इस तरह का आयोजन सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और अराजकता फैलाने का जानबूझकर किया गया प्रयास था. बरेली में पुलिस की कार्रवाई सबसे बड़ी रही. देर रात से सुबह तक घर-घर छापेमारी की गई और 500 से ज्यादा लोगों की पहचान की गई. कई उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है. मौलाना तौकीर रजा को भी हिरासत में लिया गया.
पुलिस का आरोप है कि उन्होंने ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. बरेली के डीएम अवनीश सिंह ने बताया कि जिले में स्थिति सामान्य है. स्कूल, कॉलेज और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले हैं. हालांकि, सुरक्षा के लिए अब तक छह एफआईआर दर्ज की गई हैं. बरेली के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा कि यह हिंसा कोई आकस्मिक घटना नहीं थी.
डीआईजी ने कहा ये पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी. इसमें कुछ स्थानीय नेताओं के नाम भी सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि शांति भंग करने वालों को जेल भेजा जाएगा. उन पर गुंडा एक्ट और एनएसए के तहत कार्रवाई होगी. सुरक्षा की दृष्टि से 15 जिलों से अतिरिक्त पुलिस, पीएसी और अर्धसैनिक बल की कंपनियां बरेली भेजी गई हैं. 8 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं.
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