इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई 2025 के दूसरे दिन बॉलीवुड सेलिब्रिटीज से लेकर राजनीति से जुड़ी कई हस्तियों ने शिरकत की और अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय रखी. सेशन के दूसरे दिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर भी बातचीत की गई. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े एक सेशन ह्यूमन माइंड vs मशीन माइंड: द रेस ऑफ सुपरइंटेलिजेंस (Human Mind Vs Machine Mind: The Race for Superintelligence) में प्रोफेसर डॉक्टर पी. मुरली दोराईस्वामी शामिल हुए. पी मुरली एक भारतीय वैज्ञानिक, मनोचिकित्सक और अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर हैं.
क्या AI छीन लेगा डॉक्टरों की जॉब
सेशन में पी मुरली ने बताया कि कैसे AI की धाक मेडिकल साइंस में बढ़ती जा रही है. इस पर उनसे सवाल किया गया कि क्या AI से आपकी नौकरी भी चली जाएगी? तो उन्होंने कहा, ‘मेरा ख्याल है इसका जवाब सभी जानते हैं. AI डॉक्टरों की जगह नहीं लेगा. लेकिन जो डॉक्टर AI का इस्तेमाल नहीं करेंगे. ये उनकी जगह ले लेगा.’
तकनीक से डरे नहीं, उसे अपनाएं
उन्होंने कहा, ‘यह बाकी सब चीजों की तरह ही है. अगर डॉक्टर के पास X-ray मशीन या स्टेथोस्कोप नहीं है तो आप ऐसे डॉक्टर के पास जाएंगे क्या. सच कहूं तो AI बहुत ज्यादा संवेदनशील है. AI ऐसी कई छोटी-छोटी चीजें पकड़ लेगा जो डॉक्टर नहीं देख पाएंगे. इसलिए मुझे इस पर ज्यादा भरोसा होगा. हमने स्टडी की है जिसमें दिखाया गया है कि अगर आप एक आम MRI स्कैन लेते हैं और उसे AI से गुजारते हैं तो AI ऐसे कई छोटे घाव पकड़ लेता है जो डॉक्टर की आंख नहीं देख पाती. इसलिए इंसान और AI दोनों मिलकर सबसे अच्छा डायग्नॉस कर सकते हैं और ट्रीटमेंट भी दे सकते हैं.’
यह पूछे जाने पर क्या आपकी नौकरी सुरक्षित है या नहीं तो पी मुरली ने कहा, ‘मुझे लगता है मेरी नौकरी सुरक्षित है क्योंकि सबसे पहले मैं खुद रिसर्च में शामिल हूं. एक कहावत है कि अगर आप टेबल पर नहीं हैं तो आप मेन्यू में हैं… तो मैं टेबल पर हूं.’
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