समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव 8 अक्टूबर को रामपुर में पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान से मुलाकात करेंगे. अखिलेश ने इसके लिए दिन तय कर लिया है और बताया गया है कि वे सुबह 10 बजे प्राइवेट जेट से अमौसी एयरपोर्ट से बरेली एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरेंगे. एयरपोर्ट से सड़क मार्ग के माध्यम से वे सीधे आजम खान के आवास पहुंचेंगे. उनके आजम खान के घर लगभग एक घंटे तक कार्यक्रम होने की संभावना है, जिसके बाद वे बरेली होते हुए लखनऊ लौट आएंगे.
सपा सूत्रों के अनुसार, अखिलेश का यह दौरा मायावती की लखनऊ में होने वाली रैली से ठीक एक दिन पहले किया गया है. राजनीतिक विश्लेषक इसे सपा की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं. पार्टी का मानना है कि आजम खान से मुलाकात का संदेश उनके समर्थकों को मजबूत कर सकता है और आगामी राजनीतिक परिस्थितियों में उनकी स्थिति को सुदृढ़ कर सकता है.
आजम खान हाल ही में सितापुर जेल से रिहा हुए हैं. लगभग दो साल तक जेल में रहने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में न्याय प्राप्ति पर भरोसा जताया. उन्होंने साफ कहा कि उनकी पार्टी से नाता कायम है और वे बहुजन समाज पार्टी (BSP) में शामिल नहीं होंगे. आजम खान ने कहा, “मुझे अपने ऊपर पूरा भरोसा है. मैं हाई कोर्ट और जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट से न्याय प्राप्त करूंगा.”
जेल से निकलकर आजम ने दी थी ऐसी प्रतिक्रिया
रिहाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आजम खान ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें बधाई दी और इसे न्याय की जीत करार दिया. उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव एक बड़ी पार्टी के नेता हैं. अगर उन्होंने मेरे जैसे छोटे व्यक्ति के लिए ऐसा कहा, तो यह उनकी महानता दर्शाता है.”
आजम खान ने यह भी कहा कि वे खुद को पार्टी के वरिष्ठ नेता के बजाय बड़ा सेवक और कार्यकर्ता मानते हैं. हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने अभी तक अखिलेश यादव से फोन पर बात नहीं की है. उन्होंने हल्के अंदाज में कहा कि उनकी पत्नी का नंबर भी अब उन्हें याद नहीं.
आजम खान के खिलाफ कई केस दर्ज
आजम खान सपा के संस्थापक सदस्य और रामपुर से 10 बार विधायक रह चुके हैं. उन पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें भूमि हड़पने और भ्रष्टाचार के आरोप शामिल हैं, जिन्हें उन्होंने हमेशा राजनीतिक तौर पर प्रेरित बताया है. उनकी रिहाई हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा क्वालिटी बार भूमि कब्जा मामले में जमानत मिलने के बाद हुई. यह मामला रामपुर जिले में कथित अवैध कब्जे से जुड़ा था और एफआईआर दर्ज होने के लगभग पांच साल बाद पुन: जांच में आजम खान का नाम शामिल किया गया था.
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