Surya Grahan 2025: कल 21 सितंबर को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. इस दिन का ज्योतिषीय महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि इस दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. फिर भी धार्मिक और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विशेष सावधानियां बरतना बेहद जरूरी बताया गया. विशेष रूप से तुलसी से जुड़े नियमों का पालन ग्रहण के समय बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है
हिंदू धर्म में तुलसी का महत्व
हिंदू शास्त्रों में तुलसी के पौधे को अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है. यह केवल एक औषधीय पौधा नहीं बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से भी विशेष महत्व रखता है. सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि ग्रहण से पहले लोग खान-पान की चीजों में तुलसी दल डालते हैं. हालांकि ऐसा तभी होता है, जब ग्रहण भारत में दृश्यमान हो. सूर्य ग्रहण जब भारत में लगता है तो तुलसी से जुड़ी कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए.
ग्रहण के समय न छुएं और न पानी दें: ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को छूना वर्जित होता है. इससे पौधे पर भी ग्रहण का अशुभ प्रभाव पड़ता है.
तुलसी की पत्तियों को न तोड़ें: ग्रहण काल में तुलसी की पत्तियों को तोड़ना सही नहीं माना जाता. पत्तियों को तोड़ने से भी ग्रहण के नकारात्मक ऊर्जा का असर बढ़ सकता है.
तुलसी को खुले में न रखें: ग्रहण के समय तुलसी के पौधे को घर के खुले हिस्से में रखना अशुभ माना जाता है. इसलिए ग्रहण के समय तुलसी के पौधे को किसी हल्के रंग के कपड़े से ढक दें.
ग्रहण के दौरान तुलसी के पत्ते किसी को न दें: ग्रहण के दौरान तुलसी के पत्ते किसी अन्य व्यक्ति को देना या बांटना भी सही नहीं माना गया है. ऐसा करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव बढ़ सकता है.
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