उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पुलिस ने एक साल से चल रहे सेक्स रैकेट का खुलासा किया है. इस मामले में कुल 14 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें 11 महिलाएं शामिल हैं. रैकेट गेस्ट हाउस में संचालित हो रहा था. पुलिस ने शुक्रवार और शनिवार की रात इस गेस्ट हाउस पर छापेमारी की.
आधी रात में गेस्ट हाउस पर पहुंची पुलिस को देखकर वहां मौजूद महिलाएं भागने लगीं. हालांकि, गेस्ट हाउस के बाहर तैनात महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया. गिरफ्तार सभी महिलाओं को बाद में थाना ले जाकर पूछताछ की गई.
गेस्ट हाउस का मालिक गणेश अग्रवाल और उसके दो सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया. प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ कि मालिक ने महिलाओं को बिहार और गोरखपुर से लाया था. उन्हें शक से बचाने के लिए महिलाएं गेस्ट हाउस से बाहर नहीं निकल सकती थीं और उनके खाने-पीने जैसी सुविधाएं गेस्ट हाउस में ही मुहैया कराई जाती थीं. हैरानी की बात यह है कि गेस्ट हाउस फतेहगंज चौकी से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है, फिर भी इस गैरकानूनी गतिविधि पर इतने लंबे समय तक नजर नहीं पड़ी.
अन्य सेक्स रैकेट की जांच
पुलिस ने बताया कि अयोध्या में ऐसे कई अन्य रैकेट भी संचालित हो रहे हैं और इनकी भी जांच जारी है. अधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि जल्द ही इस पवित्र शहर को इस तरह के अपराधों से मुक्त किया जाएगा. इस कार्रवाई की खबर फैलते ही इलाके में हड़कंप मच गया.
क्या है पुलिस का दावा?
सर्कल ऑफिसर (सिटी) शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई अयोध्या में महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई है. गिरफ्तार सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है और जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस रैकेट में और कौन शामिल हो सकते हैं.
आगे की जांच में क्या होगा?
पुलिस ने बताया कि महिलाओं और अन्य आरोपियों से पूछताछ के बाद ही पूरी गुत्थी सुलझेगी. अयोध्या पुलिस ने पूरे मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियों की संभावना जताई है. शहरवासियों से भी अपील की गई है कि किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें.
प्रशासन पर सवाल
इस मामले के बाद प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इतने वर्षों से चौकी के नजदीक चल रहे इस रैकेट पर नजर क्यों नहीं पड़ी. पुलिस और प्रशासन दोनों से जवाबदेही की मांग की जा रही है.
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