रूस के सुदूर पूर्वी इलाके कामचटका प्रायद्वीप में शुक्रवार, 19 सितंबर की सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वे के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.8 दर्ज की गई और इसका केंद्र जमीन से लगभग 10 किलोमीटर की गहराई में था.
कामचटका क्षेत्र के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने टेलीग्राम पर जानकारी दी कि पूर्वी तट पर सुनामी का खतरा देखते हुए चेतावनी जारी की गई है. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों को सचेत कर दिया गया है. हालांकि अब तक किसी तरह के नुकसान की सूचना सामने नहीं आई है.
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वहीं, अमेरिकी सुनामी चेतावनी प्रणाली (यूएस सुनामी वार्निंग सिस्टम) ने कहा कि इस भूकंप के बाद फिलहाल बड़े सुनामी का कोई खतरा नहीं है.
लगातार झटकों का सिलसिला
यह इलाका दुनिया के सबसे सिस्मिकली एक्टिव जोन्स में से एक है, जहां पैसिफिक प्लेट और नॉर्थ अमेरिकन प्लेट आपस में मिलते हैं. यही वजह है कि यहां भूकंप आम बात है. शनिवार को भी 7.4 तीव्रता का एक और भूकंप कामचटका के तट पर आया था. शुरुआत में इसकी तीव्रता 7.5 बताई गई थी, बाद में इसे घटाकर 7.4 कर दिया गया. पैसिफिक सुनामी वार्निंग सेंटर (पीटीडब्ल्यूसी) ने कहा कि इस भूकंप से सुनामी का खतरा नहीं है.
जुलाई का मेगाक्वेक
इससे पहले, 29 जुलाई 2025 को कामचटका तट के पास 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था. इसे पिछले एक दशक के सबसे बड़े भूकंपों में गिना गया. इसे आधुनिक रिकॉर्ड में छठा सबसे बड़ा भूकंप भी माना गया. उस समय रूस, जापान, अलास्का, गुआम, हवाई और अन्य प्रशांत द्वीपों तक सुनामी चेतावनी जारी की गई थी.
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उस दौरान कामचटका के कई तटीय इलाकों जैसे सेवेरो-कुरिल्स्क में 3 से 4 मीटर ऊंची लहरें दर्ज की गईं, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. जापान की मेट्रोलॉजिकल एजेंसी ने भी अपने प्रशांत तट पर 3 मीटर तक ऊंची लहरों की चेतावनी जारी की थी. यहां तक कि अमेरिका के वेस्ट कोस्ट तक अलर्ट जारी करना पड़ा. हालांकि वहां बड़े पैमाने पर खतरे की आशंका नहीं थी.
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