डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के मुख्य ट्रेड डील नेगोशिएटर ब्रेंडन लिंच आज भारत पहुंच रहे हैं. वह मंगलवार को भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर भारतीय प्रतिनिधियों के साथ पूरे दिन चर्चा करेंगे. यह बैठक अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद प्रभावित हुए व्यापारिक संबंधों को पटरी पर लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस सकारात्मक बयान के कुछ दिनों बाद हो रही है, जिसमें उन्होंने ट्रंप के भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों की सकारात्मक टिप्पणी का गर्मजोशी से स्वागत किया था. मोदी ने कहा था कि चल रही वार्ताएं दोनों देशों के बीच साझेदारी की असीम संभावनाओं को खोलने का रास्ता प्रशस्त करेंगी. ट्रंप ने भी कहा था, ‘भारत और अमेरिका व्यापारिक बाधाओं को दूर करने के लिए वार्ता जारी रख रहे हैं. मैं अपने अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से जल्द बात करने को उत्सुक हूं.’
दोनों देशों के बीच हर सप्ताह ट्रेड डील पर चर्चा
भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने सोमवार को कहा, ‘पिछले कुछ समय से चर्चाएं चल रही हैं. अमेरिकी मुख्य वार्ताकार आज रात भारत आ रहे हैं और कल (मंगलवार) हम देखेंगे कि स्थिति क्या है. यह छठी दौर की वार्ता नहीं है, बल्कि व्यापारिक चर्चाओं का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य समझौते तक पहुंचना है.’ उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों देश साप्ताहिक आधार पर वर्चुअल माध्यम से चर्चा कर रहे हैं, लेकिन पहले माहौल अनुकूल नहीं था. अब बातचीत के लिए स्थितियां भी से सामान्य हुई हैं.
यह भी पढ़ें: इतनी जल्दी निकल गई ट्रंप की हेकड़ी, भारत से ट्रेड डील के लिए आखिर क्यों बेताब है अमेरिका?
ट्रंप के टैरिफ के बाद बेपटरी हो गई थी बातचीत
भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए दोनों देशों के बीच मार्च 2025 से पांच दौर की वार्ता हो चुकी है. छठा दौर 25-29 अगस्त को निर्धारित था, लेकिन भारत पर अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था. इस टैरिफ में भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने के लिए दंड के रूप में 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ का हिस्सा भी शामिल है, जो अमेरिका द्वारा दुनिया के देशों पर लगाए गए सबसे हाई टैरिफ में से एक है. भारत ने इसे अनुचित, अव्यवहारिक और गलत बताया था. भारत ने राष्ट्रीय हित और ग्लोबल ऑयल मार्केट की स्थिरता के लिए रूसी कच्चे तेल की खरीद को सही बताया है.
द्विपक्षीय व्यापार 500 अरब डॉलर पहुंचाना लक्ष्य
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कई देशों पर अमेरिकी व्यापार घाटे के जवाब में रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए हैं, जिसमें भारत भी शामिल है. इससे भारत का अमेरिकी बाजार में होने वाला निर्यात प्रभावित हुआ है. हालांकि, हाल के हफ्तों में दोनों देशों के संबंधों में गर्माहट के संकेत दिखे हैं. ट्रंप ने दूसरी बार भारत संबंधों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी की प्रशंसा की, जिसका भारतीय प्रधानमंत्री ने भी सकारात्मक जवाब दिया. दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखते हैं.
यह भी पढ़ें: भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड डील हुई, पीएम मोदी बोले- यूके के प्रोडक्ट अब सस्ते मिलेंगे
अक्टूबर-नवंबर तक दोनों देशों के बीच डील संभव
ब्रेंडन लिंच दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के असिस्टेंट ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव हैं. वह इस रीजन के 15 देशों के साथ अमेरिकी व्यापार नीति का विकास और कार्यान्वयन देखते हैं, जिसमें यूएस-इंडिया ट्रेड पॉलिसी फोरम (TPF) का प्रबंधन और व्यापार एवं निवेश ढांचा समझौतों (TIFAs) के तहत समन्वय शामिल है. विशेषज्ञों का मानना है कि मंगलवार की चर्चा सफल रही, तो यह अक्टूबर-नवंबर तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा करने में मददगार होगी.
—- समाप्त —-