नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के सरकारी आवास के बाहर देर रात नारेबाजी हुई. नेपाल में हुए प्रदर्शन के दौरान मारे गए गए युवाओं के परिजनों ने नारेबाजी की. दरअसल, ये लोग सुबह से ही सुशीला कार्की से मुलाकात करने के लिए इंतजार कर रहे थे, लेकिन देर रात उनके सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी. इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारी सुशीला कार्की के सरकारी आवास के बाहर धरने पर भी बैठ गए हैं. इसके बाद सुशीला कार्की के आवास के बाहर पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है.
नेपाल में हुए इन हिंसक विरोध प्रदर्शनों में अब तक 51 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 21 प्रदर्शनकारी शामिल हैं. 1300 से ज्यादा लोग घायल हुए. इतना ही नहीं, हिंसा के दौरान विभिन्न जेलों से 13 हजार से ज्यादा कैदी भाग गए थे. नेपाल में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने काफी उत्पात मचाया था. संसद भवन से लेकर सुप्रीम कोर्ट को आग के हवाले कर दिया था. Gen-Z की इस क्रांति के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली को पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
इस घटनाक्रम के बाद 73 साल की सुशीला कार्की को नेपाल की कमान सौंपी गई है. उन्हें Gen-Z का समर्थन प्राप्त है. सत्ता में आते ही सुशीला कार्की ने ताबड़तोड़ फैसले लेते हुए पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली के खिलाफ 8 सितंबर को हुई पुलिस दमन के विरोध में एफआईआर दर्ज कराई है. वहीं, सुशीला कार्की शनिवार को पूरे दिन Gen-Z प्रतिनिधियों और विभिन्न अन्य राजनीतिक और सामाजिक दलों के साथ विचार-विमर्श में व्यस्त रहीं.
बताया जा रहा है कि सुशीला कार्की ने अपने कैबिनेट के लिए कई महत्वपूर्ण नामों को अंतिम रूप दे दिया है. ये नाम राष्ट्रपति कार्यालय को भेज दिए गए हैं. सूत्रों के अनुसार, इनमें से सबसे प्रमुख नाम नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) के पूर्व चीफ कुलमान घिसिंग का है, जिन्हें ऊर्जा मंत्रालय का जिम्मा मिल सकता है. कुलमान घिसिंग को उनके कार्यकाल के दौरान नेपाल के पावर सेक्टर में सुधार लाने के लिए जाना जाता है. वहीं, ओमप्रकाश अर्याल को गृहमंत्री, रामेश्वर खनाल को वित्तमंत्री और बालानंद शर्मा को रक्षामंत्री के रूप में नियुक्त किया जा सकता है.
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