भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार (14 सितंबर) को एशिया कप 2025 में ग्रुप-ए का मुकाबला खेला गया, जिसमें भारतीय टीम ने सात विकेट से जीत हासिल की. मुकाबले में पाकिस्तानी टीम ने 9 विकेट पर 127 रन बनाए. 128 रनों के टारगेट को भारतीय टीम ने 25 गेंद बाकी रहते हासिल कर लिया.
इस मुकाबले में एक खास संयोग देखने को भी मिला. पाकिस्तानी पारी के 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर जसप्रीत बुमराह ने सुफियान मुकीम को बोल्ड किया. उस समय पाकिस्तान का स्कोर 111 रन था. यानी पाकिस्तान ने जो अपना 9वां विकेट गंवाया, वो नेल्सन नंबर (Nelson Number) पर गिरा.
क्रिकेट में नेल्सन नंबर किसी अंधविश्वास से कम नहीं है. यह तब माना जाता है, जब टीम या खिलाड़ी का स्कोर 111, 222, 333, 444, 555, 666… पर पहुंचता है. इसे अशुभ (unlucky) माना जाता है. कहा जाता है कि नेल्सन नंबर का संबंध ब्रिटिश एडमिरल लॉर्ड नेल्सन से था, जिन्होंने एक आंख और एक हाथ दो अलग-अलग युद्ध में गंवा दिया था. लोग ऐसा कहते थे कि नेल्सन के एक हाथ, एक आंख के अलावा एक पैर भी नहीं थे. हालांकि यह बात सही नहीं है. नेल्सन के दोनों पैर सही सलामत थे.
डेविड शेफर्ड का रहता था खास रिएक्शन
इंग्लैंड के दिवंगत अंपायर डेविड शेफर्ड नेल्सन नंबर को लेकर काफी सुर्खियों में रहे. जब भी किसी टीम या बल्लेबाज का स्कोर 111 या उसके गुणज (जैसे- 222, 333…) पर पहुंचता था, तो डेविड शेफर्ड एक पैर पर खड़े हो जाते थे. डेविड शेफर्ड का 27 अक्टूबर 2009 को निधन हो गया था.
19वीं सदी के दौरान न्यूजीलैंड की एक घरेलू टीम का नाम नेल्सन रखा गया था. इस टीम ने वेलिंगटन के खिलाफ 17 मैच खेले. खास बात यह हुई कि पहले ही मैच में नेल्सन की टीम 111 रनों पर सिमट गई थी और वो मैच टाई रहा था. इसके बाद वेलिंगटन के खिलाफ अपने 17वें मैच की आखिरी पारी में भी नेल्सन की टीम ने 111 रन ही बनाए थे. यहीं से क्रिकेट में नेल्सन नंबर आया.
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