नेपाल में Gen-Z क्रांति के बाद अब नए प्रधानमंत्री का चुनाव हो चुका है, जो नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं और उनका नाम सुशीला कार्की है. अब वह नेपाल की अंतरिम सरकार की कमान संभालेंगी.
कार्की को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने काठमांडू स्थित प्रेसिडेंशियल हाउस में सुशीला कार्की को शपथ दिलाई गई. सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाने में आंदोलन के साथ एक मोबाइल ऐप का भी हाथ रहा है, जिसका नाम Discord है. आइए इस ऐप के बारे में जानते हैं.
Discord, ऐक गेमिंग रूप में शुरुआत
Discord ऐप की शुरुआत साल 2015 में एक गेमिंग ऐप के रूप में हुई थी. इस ऐप को Jason Citron और Stanislav Vishnevskiy ने मिलकर बनाया है. शुरुआत में इस ऐप को गेमर्स के लिए डिजाइन किया था.
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Discord में शामिल की थी चैटिंग सर्विस
दोनों ही फाउंडर्स पहले गेमिंग फोक्स्ड प्लेटफॉर्म बना चुके थे और फिर उन्होंने Discord ऐप में परफोर्मेंस को बिगाड़े बिना चैटिंग सर्विस को भी शुरू किया. कोरोना काल के दौरान इस ऐप की पॉपुलैरिटी में इजाफा हुआ. इसके बाद से ही इसका यूजरबेस बढ़ता गया है.
गेमिंग से बना कम्युनिकेशन्स ऐप
आज Discord खुद को एक कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म बताता है. इस ऐप पर यूजर्स अलग-अलग चैनल्स के जरिए चर्चाओं में शामिल होते हैं. इसका नेपाल में एक बड़ा यूजरबेस है. Discord server पर बड़ा कम्युनिटी स्पेस है, जहां पर 5 लाख यूजर्स को संभाला जा सकता है.
Discord के फीचर्स
Discord ऐप के फीचर्स की बात करें तो इसमें टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो चैनल्स तक शामिल हैं. इसमें स्क्रीन शेयरिंग, स्ट्रीमिंग और मॉडरेशन टूल्स हैं. यहां यूजर्स ओपिनियन पॉल क्रिएट कर सकते हैं.
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नेपाल के Gen-Z ने Discord ही क्यों चुना?
नेपाल के Gen-Z ने Discord ऐप को लिए इसलिए चुना क्योंकि उनके लिए यह एक कंन्विनिएंट और पॉपुलर ऐप था. वहीं Instagram और X (पुराना नाम Twitter) पर बिना रुके कंटेंड फीड का फीचर मौजूद नहीं है. साथ ही WhatsApp जैसे ऐप की तुलना में ज्यादा टूल्स प्रोवाइड कराता है.
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