छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ के दौरान 10 नक्सली मारे गए हैं. इनके उपर कुल 5 करोड़ 25 लाख रुपए का इनाम था. इनमें नक्सलियों का टॉप कमांडर बालकृष्ण भी शामिल था, जिस पर अकेले 1.80 करोड़ रुपए का इनाम था. मारे गए नक्सलियों के शवों के साथ भारी मात्रा में हथियार और नक्सली सामग्री बरामद हुई. इसमें एके-47 राइफल, एसएलआर सहित 10 हथियार शामिल हैं.
सुरक्षा बलों को मुठभेड़ स्थल से नक्सल संगठन का बड़ा जखीरा भी मिला, जो उनकी रणनीति और मंसूबों की पोल खोलता है. यह मुठभेड़ जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र के राजाडेरा-माताल की पहाड़ियों पर हुई. स्थानीय पुलिस को खुफिया इनपुट मिला कि ओडिशा राज्य समिति से जुड़े धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा संभाग के नक्सली इलाके में डेरा जमाए हुए हैं. इसके बाद एक संयुक्त टीम बनाकर ऑपरेशन शुरू किया गया.
10 सितंबर को ई-30 यूनिट, एसटीएफ, सीएएफ और कोबरा 207वीं बटालियन के जवानों ने मिलकर ऑपरेशन शुरू किया. गुरुवार को जैसे ही सुरक्षा बल आगे बढ़े उन पर गोलियां चलने लगीं. इसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई. ये मुठभेड़ इतना भीषण था कि शुक्रवार सुबह 8 बजे तक रुक-रुक कर गोलियों की आवाज़ गूंजती रही. आखिरकार सुरक्षा बलों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें चार महिलाएं भी शामिल थीं.
मारे गए नक्सलियों में माओवादी ओडिशा राज्य समिति का सचिव और 1980 के दशक से सक्रिय टॉप कमांडर बालकृष्ण शामिल था. उसको बालन्ना, रामचंदर और भास्कर के नाम से भी जाना जाता था. उसके अलावा 1.20 करोड़ रुपए के इनामी प्रमोद उर्फ पंडरन्ना और विमल उर्फ मंगन्ना की भी पहचान हुई. बाकी नक्सलियों में कंपनी नंबर 6 का सदस्य समीर, प्लाटून पार्टी कमेटी सदस्य रजिता, प्लाटून सदस्य वनीला शामिल है.
इसके अलावा क्षेत्र समिति सदस्य सीमा उर्फ भीमे और विक्रम, डिप्टी कमांडर उमेश और महिला नक्सली बिमला के भी शव बरामद किए गए हैं. इन सभी पर अलग-अलग राज्यों में इनाम घोषित था. केवल बालकृष्ण पर ही छत्तीसगढ़ समेत छह राज्यों ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 1.80 करोड़ रुपए का इनाम था. प्रमोद और विमल पर पांच राज्यों में मिलाकर 1.20 करोड़ का इनाम था.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि जनवरी 2024 से अब तक सुरक्षा बलों ने 460 से ज्यादा नक्सलियों का सफाया किया है. इनमें उनके महासचिव और तीन केंद्रीय समिति सदस्य शामिल हैं. अकेले इस साल छत्तीसगढ़ में 243 नक्सली मारे जा चुके हैं. इनमें से 214 बस्तर संभाग, 27 गरियाबंद जिले और 2 दुर्ग संभाग में मारे गए थे. गुरुवार की इस कार्रवाई ने नक्सल संगठन की रीढ़ तोड़ दी है.
बालकृष्ण ओडिशा की सीमा से सटे गरियाबंद इलाके में नया आधार खड़ा करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसकी मौत ने माओवादियों के विस्तार की योजना को ध्वस्त कर दिया. यही नहीं, शुक्रवार को बीजापुर जिले में भी दो नक्सली ढेर हुए. छत्तीसगढ़ पुलिस का दावा है कि यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है, जिसने माओवादी संगठन के टॉप कमांडरों को खत्म कर दिया.
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