भोपाल में गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई पत्थरबाजी और प्रतिमाओं के खंडित होने का मामला अब और उलझता जा रहा है. एक तरफ फरियादी ने तीन लोगों पर पत्थर फेंकने और मूर्तियां तोड़ने का आरोप लगाते हुए गौतम नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है तो दूसरी तरफ पुलिस जांच में सामने आ रहे CCTV फुटेज और बयान इस पूरे घटनाक्रम को नई दिशा दे रहे हैं. पुलिस की जांच में सामने आया है कि जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है उनकी उपस्थिति घटनास्थल पर स्थापित नहीं हुई है.
पथराव के बाद चक्काजाम
दरअसल, दो दिन पहले डीआईजी बंगला चौराहे पर देर रात हालात तनावपूर्ण बन गए थे जब वहां से गुजर रही गणेश प्रतिमा पर पथराव का आरोप लगाते हुए समिति के लोगों ने चौराहे पर चक्का जाम कर दिया. इसके बाद समिति के लोगों और हिंदूवादी संगठनों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ गौतम नगर थाने का घेराव कर दिया. देर रात पुलिस ने तीन आरोपियों अब्दुल हलीम, साहिल और यामीन समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.
सीसीटीवी से खड़े हुए सवाल
केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की तो पाया कि आरोपियों की मौजूदगी घटना के समय वहां नहीं थी. पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लगा जिसमें दिख रहा है कि जिस अब्दुल हलीम का नाम एफआईआर में आया है वो घटना के समय अपनी दुकान पर मौजूद था.
CCTV फुटेज पुलिस ने जांच के लिए अपने पास ले लिया है. यही नहीं, साहिल नाम के आरोपी की लोकेशन भी घटनास्थल पर ना होकर पीजीबीटी रोड स्थित कॉलोनी की मिली है. तीसरे नामजद आरोपी की पहचान भी घटनास्थल पर नहीं पाई गई है.
पुराना विवाद बना वजह?
भोपाल जोन-3 की एडिशनल डीसीपी शानिली दीक्षित ने ‘आजतक’ से बात करते हुए बताया कि फरियादी चरण सिंह कुशवाह और अब्दुल अमीन उर्फ हलीम के बीच पहले भी विवाद हो चुका है. समिति अध्यक्ष चरण सिंह कुशवाह के खिलाफ दो प्रकरण गौतम नगर थाने में पूर्व में दर्ज किए जा चुके हैं तो कहीं ना कहीं दबाव बनाने के उद्देश्य से रचना की गई हो. अभी जांच जारी है, अभी भी कई लोग हैं जिनके बयान दर्ज होने हैं.
फरियादी पक्ष जिन्होंने एफआईआर लिखवाई है उन्हे भी बयान देने के लिए बुलाया गया लेकिन वो अब तक उपस्थित नहीं हुए हैं. यह भी सामने आया है कि पूर्व में हलीम और चरण सिंह कुशवाह के बीच विवाद हो चुका है इसलिए आपसी रंजिश के एंगल से भी जांच जारी है.
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