नेपाल में Gen Z आंदोलन के बाद वहां के प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है. ऐसे नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को सरकार का प्रमुख बनाने पर जेनरेशन जेड ने सहमति जताई है.
71 साल की सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं. इन्होंने 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनकर इतिहास रच दिया था. कार्की का कार्यकाल ऐतिहासिक उपलब्धियों और राजनीतिक विवादों से भरा रहा है.
Gen Z की पहली पसंद बनीं सुशीला कार्की
नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की देश के अगले प्रधानमंत्री पर बहस के लिए आयोजित एक वर्चुअल बैठक में 5,000 से अधिक युवाओं के शामिल होने के बाद जेन जेड की प्रमुख पसंद के रूप में उभरी हैं.
कार्की ने न्यायपालिका में आने से पहले एक शिक्षिका के रूप में अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई साहसिक निर्णय लिए. खासकर राजनीतिक विवादों और वरिष्ठ मंत्रियों से जुड़े मामलों में उन्होंने बड़ा और स्पष्ट फैसला लिया था.
संविधान के मसौदा समिति का थीं हिस्सा
कार्की 2006 के संविधान मसौदा समिति का भी हिस्सा थीं. 2009 में, उन्हें नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय में एक तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया, और बाद में 2010 में स्थायी न्यायाधीश बनीं. 2016 में, उन्होंने जुलाई में औपचारिक रूप से नियुक्त होने से पहले कुछ समय के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया.
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BHU से ली है स्नातकोत्तर की उपाधि
सुशीला कार्की ने भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है. इससे उनके सीमा पार शैक्षणिक और सांस्कृतिक संबंध और भी मजबूत हुए हैं.
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