देशभर में लोगों ने 7-8 सितंबर की दरमियानी रात ब्लड मून का अद्भुत नजारा देखा. यह चंद्र ग्रहण कई मायनों में खास था. करीब 122 साल बाद पितृपक्ष के संयोग में चंद्र ग्रहण लगा था. यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण था. पूर्ण चंद्र ग्रहण की घटना बहुत दुर्लभ होती है. इससे पहले भारत में व्यापक रूप से दिखाई देने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण साल 2018 में हुआ था. अब पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने का अगला मौका 31 दिसंबर 2028 को आएगा.
ज्योतिषविदों की मानें तो चंद्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव ग्रहण समाप्त होने के बाद भी कई दिनों तक रहता है. इसलिए चंद्र ग्रहण के बाद घर का शुद्धिकरण बहुत जरूरी हो जाता है. चूंकि यह चंद्र ग्रहण देर रात को समाप्त हुआ. इसलिए बहुत से लोगों को शुद्धिकरण के उपाय करने का मौका नहीं मिल पाया. ऐसे लोग ग्रहण की अगली सुबह भी ये काम कर सकते हैं.
1. गंगाजल का छिड़काव– चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए. कहते हैं कि घर में गंगाजल का छिड़काव करने से ग्रहण की अशुभ छाया का असर खत्म हो जाता है.
2. स्नान करना– चंद्र ग्रहण समाप्त होते ही स्नान जरूर करना चाहिए. अगर आप नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला लें तो यह और भी उत्तम होगा. इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें.
3. मंदिर की सफाई– चंद्र ग्रहण का सूतक काल लगने से पहले मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और देवी-देवताओं की मूर्तियों को कपड़े से ढक दिया जाता है. ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर के कपाट खोलें और भगवान की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं. मंदिर में भगवान की पुन: स्थापना के बाद घी या तेल का दीपक जलाएं और धूप, दीप, इत्र आदि अर्पित करें.
4. बासी भोजन– यदि आपने सूतक लगने से पहले पके हुए खाने में तुलसी दल नहीं डाला था तो ग्रहण समाप्त होने के बाद इस खाने का प्रयोग न करें. ताजा भोजन बनाएं और उसका सेवन करें.
5. दान– चंद्र ग्रहण के मोक्ष काल में दान करने की परंपरा है. ऐसा करना बहुत उत्तम माना जाता है. लेकिन इस चंद्र ग्रहण का मोक्ष काल रात को देर से लगा था. इसलिए बहुत सारे लोग दान नहीं कर पाए. ऐसे लोग ग्रहण के बाद अगली सुबह दान-पुण्य कर सकते हैं. आप गरीब या जरूरतमंद लोगों को चावल, दूध, चीनी, घी, वस्त्र या सामर्थ्य के अनुसार धन का दान कर सकते हैं.
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