बिहार के नवादा की रहने वाली 10वीं की छात्रा और पाकिस्तान का 11वीं का छात्र. दोनों के बीच पहले इंस्टाग्राम पर बातचीत शुरू हुई. यह दोस्ती कब मोहब्बत में बदल गई दोनों को पता ही नहीं चला. फिर ट्रेन से मिलने का प्लान बनाया.खुलासा हुआ तो पता चला इस चैटिंग में सिर्फ पाकिस्तान का लड़का ही नहीं, बल्कि पंजाब की एक महिला और दिल्ली की एक युवती भी शामिल थीं. पुलिस अब केवल गुमशुदगी के केस में इसे नहीं ले रही बल्कि खुफिया एजेंसियों को भी शामिल किया गया है, उन्होंने भी अपनी जांच शुरू कर दी है.
घर से निकलने की वजह
बिहार के नवादा जिले की रहने वाली कक्षा 10वीं की छात्रा की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं. उम्र छोटी, लेकिन मोबाइल और इंटरनेट की पकड़ बड़ी. छह महीने पहले इंस्टाग्राम पर उसकी मुलाक़ात पाकिस्तान में 11वीं पढ़ने वाले एक छात्र से हुई. दोनों में रोज बातचीत होने लगी. चैटिंग का सिलसिला धीरे-धीरे व्हाट्सएप तक पहुंच गया. हर दिन घंटों की बातचीत, स्टिकर, इमोजी और वॉइस कॉल्स ने मासूम दोस्ती को खास रिश्ता बना दिया. लेकिन, जैसे ही लड़की की मां ने फोन और पढ़ाई को लेकर डांटा, छात्रा ने घर छोड़ने का कदम उठा लिया. बिना बताए ट्रेन पकड़ ली और निकल पड़ी उस पाकिस्तान वाले दोस्त से मिलने.
प्रयागराज में पकड़ी गई छात्रा
परिवार ने जब बेटी को घर में न पाकर तलाश शुरू की, और नतीजा हाथ न लगा तो थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग और सर्विलांस का सहारा लिया. कई घंटों की कोशिश के बाद लड़की प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन में सफर करती हुई पकड़ी गई. आरपीएफ ने तत्काल उसे रोका और चाइल्डलाइन के हवाले कर दिया. यहीं से इस कहानी में नया ट्विस्ट आया—क्योंकि लड़की के फोन में मिले चैटिंग रिकॉर्ड ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की आंखें खोल दीं.
पाकिस्तान से चैटिंग और दूसरा नेटवर्क
जांच में पता चला कि छात्रा महज़ एक पाकिस्तानी लड़के से बात नहीं कर रही थी. उसके फोन में पाकिस्तान वाले नंबर के अलावा पंजाब की एक महिला और दिल्ली की एक महिला के साथ भी लगातार बातचीत के साक्ष्य मिले. यहां तक कि चैटिंग हिस्ट्री में यह भी पाया गया कि पंजाब की युवती ने लड़की को पेटीएम से पैसे भेजे थे. उसी पैसे से उसने ट्रेन का टिकट खरीदा और दिल्ली जाने के लिए निकली. अब सवाल बड़ा था क्या यह सिर्फ मासूम बातचीत थी, या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है? यही वजह है कि मामला सीधा-सीधा खुफिया एजेंसियों की मेज पर पहुंच गया.
चाइल्डलाइन में खुलासा
चाइल्डलाइन में जब छात्रा से पूछताछ हुई तो उसने माना कि वह घर से नाराज होकर निकली थी. मां ने उसे डांटा था और पढ़ाई को लेकर दबाव डाला था. गुस्से में उसने मोबाइल उठाया, टिकट खरीदी और घर छोड़ दिया. लेकिन मोबाइल की चैटिंग ने यह भी साफ किया कि लड़की कई महीनों से पाकिस्तान के छात्र से संपर्क में थी. दोनों की मुलाकात सोशल मीडिया पर हुई थी और फिर उन्होंने धीरे-धीरे पढ़ाई, परिवार और भविष्य तक की बातें साझा करनी शुरू कर दी थीं.
खुफिया एजेंसियां अलर्ट
विदेश से चैटिंग का मामला सामने आते ही स्थानीय पुलिस ने पूरी रिपोर्ट सुरक्षा एजेंसियों को भेज दी. जांच एजेंसियां इस बात को खंगालने में जुट गईं कि क्या यह मामला किसी बड़े नेटवर्क से जुड़ा है, या फिर यह महज़ एक नाबालिग की सोशल मीडिया पर बढ़ती दोस्ती और उसकी लापरवाही का नतीजा है. फिलहाल मोबाइल फोन को कब्जे में लेकर उसकी गहराई से फॉरेन्सिक जांच शुरू कर दी गई है.
परिवार में हड़कंप
इस घटना ने लड़की के परिवार को झकझोर कर रख दिया है. परिजन जहां बेटी की गुमशुदगी से परेशान थे, वहीं अब पाकिस्तान कनेक्शन का खुलासा उन्हें और हैरान कर रहा है. मां का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि सोशल मीडिया पर चैटिंग की वजह से उनकी बेटी इतना बड़ा कदम उठा लेगी. बिहार पुलिस ने परिवार को प्रयागराज बुला लिया है और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के आदेश के बाद छात्रा को परिवार के हवाले किया जाएगा.
सोशल मीडिया का खतरा
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला सोशल मीडिया के खतरनाक पहलू की ओर इशारा करता है. आज की पीढ़ी इंटरनेट और मोबाइल पर इतनी निर्भर हो चुकी है कि ऑनलाइन दोस्ती और ऑफलाइन ज़िंदगी की हकीकत में फर्क करना मुश्किल हो जाता है. सिर्फ एक चैटिंग ने नाबालिग लड़की को पाकिस्तान के छात्र से जोड़ दिया, ट्रेन तक पहुँचा दिया और खुफिया एजेंसियों को सक्रिय कर दिया.
एजेंसियों की अगली जांच
फिलहाल एजेंसियों का ध्यान इस बात पर है कि लड़की जिनसे जुड़ी थी, उनका मक़सद क्या था. क्या यह सिर्फ बच्चों की मासूम बातचीत है या फिर सोशल मीडिया के बहाने किसी साजिश का हिस्सा? क्योंकि फोन में तीन अलग-अलग कनेक्शन (पाकिस्तान का छात्र, पंजाब की महिला और दिल्ली की महिला) एक साथ होना संदेह को और गहरा करता है.
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