देश के कई हिस्सों में भारी बारिश के चलते बाढ़ के हालात बने हुए हैं. दिल्ली-पंजाब समेत कई राज्यों में बाढ़ ने तबाही मचाई है. जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे. इस दौरान वह हालात का जायजा लेंगे. बात दिल्ली की करें तो यहां यमुना का पानी ऐसे इलाकों में पहुंचने लगा है जहां आशंका भी नहीं थी जैसे मयूर विहार और अक्षरधाम तक यमुना आ गई है, ये इलाके यमुना के बहाव से कम से कम 3 से 4 किलोमीटर दूर हैं. जो इलाके यमुना नदी के बिल्कुल पास हैं, वहां तो और बुरा हाल है. सोचिए ऐसे इलाकों में फंसे लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए नाव चलानी पड़ रही है. दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है और अपना रौद्र रूप दिखा रही है. यमुना के नज़दीक वाले जितने भी इलाके हैं, वहां बाढ़ आई हुई है. दिल्ली में सरकार बदल गई, लेकिन समस्याएं बदलने का नाम नहीं ले रही हैं.
आजतक ने जब ड्रोन कैमरे से दिल्ली का मुआयना किया और जो तस्वीर नज़र आई, वो हैरान करने वाली थी. दरअसल, यमुना ने दिल्ली को अपने आगोश में ले रखा है. यमुना में खतरे का निशान 205 मीटर है, लेकिन इस वक्त यमुना 207 के ऊपर बह रही है, यानी खतरे के निशान से पूरे 2 मीटर ऊपर. पानी लोहे के पुल को छू रहा है. दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज के ऊपर ड्रोन से ली गई तस्वीरों में ऐसा नजारा दिखा कि जैसे यमुना ने दिल्ली को अपने अंदर समा लिया है.
दिल्ली सचिवालय, जहां से पूरी दिल्ली सरकार चलती है, उस सचिवालय तक पानी आ गया है, तो बाकी दिल्ली तो भगवान भरोसे ही है. ट्रैक्टरों से पंप लगाकर पानी खींचा जा रहा है. पूरा निगमबोध घाट डूबा है. जहांगीरपुरी में सीवर बैक मार रहे हैं. ड्रेनेज सिस्टम फेल हो रहा है, लोग घर छोड़कर मंदिरों में रहने चले गए हैं.
मयूर विहार और अक्षरधाम तक पहुंचा यमुना का पानी
दिल्ली के मयूर विहार और अक्षरधाम फ्लडप्लेन तक यमुना का पानी पहुंच गया है. इसी इलाके में सब्जियां उगती हैं. खेती वाली जमीन भी डूब गई है. अक्षरधाम के पास की झुग्गियां डूब गई हैं. यमुना करीब 2 किमी अंदर तक आ गई है. मयूर विहार में तो सरकार ने राहत कैंप बनाए हैं, जिनमें यमुना के किनारे रहने वाले लोगों को शिफ्ट भी किया गया है, लेकिन अब समस्या ये है कि इन राहत कैंपों तक ही पानी आ गया है. मतलब ये सोचा ही नहीं गया था कि जहां टेंट लगा रहे हैं, वहीं पानी आ गया तो क्या करेंगे.
मॉनेस्ट्री मार्केट में दुकानें डूबीं
अब जब यमुना से इतनी दूर के इलाकों में ये हाल है, तो यमुना के बिल्कुल पास के इलाकों में क्या हालात होंगे इसका अनुमान लगाया जा सकता है. वहीं, रिहाइशी इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए बोट लगा दी गई हैं. दिल्ली के मॉनेस्ट्री मार्केट में तमाम दुकानें डूब गई हैं. बोट के जरिए लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. लोग ऊपर हैं. उनको उम्मीद थी कि पानी इतना ऊपर नहीं आएगा, इसलिए लोग छतों पर चले गए, लेकिन यहां भी पानी आ गया. जो लोग फर्स्ट और सेकेंड फ्लोर पर थे, उनको सरकार की तरफ से खाना दिया जा रहा है.
दिल्ली में राहत कैंपों में भरा पानी
दिल्ली सरकार के मंत्रालयों ने कितना बेहतरीन काम किया है, जनता की कितनी फरियादें सुनी हैं, ये जहांगीरपुरी जैसे, दिल्ली के बहुत सारे इलाकों में आपको दिख जाएगा. नालों का, टॉयलट का, गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है. बाढ़ जैसी आपदाएं तो नेताओं के लिए राजनीति करने का वरदान लेकर आती हैं. अरविंद केजरीवाल बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे. राहत कैंपों में रहने वाले लोगों से बात की और बाहर आकर कह दिया कि सरकार के इंतजाम नाकाफी हैं. उधर, दिल्ली के जल संसाधन मंत्री प्रवेश वर्मा को लग रहा है कि कुछ इलाकों में पानी भरने से दिल्ली नहीं डूबती. उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में पानी भरा है, लेकिन इनसे ये नहीं लगता है कि दिल्ली डूब गई है.
पंजाब में 1900 से ज़्यादा गांव डूबे
अब बात पंजाब की, सूबे के सभी 23 जिलों में बाढ़ से हालात बहुत बुरे हैं. 1900 से ज़्यादा गांव पानी में डूबे हैं. 3 लाख, 84 हज़ार लोग बाढ़ की भयंकर त्रासदी झेल रहे हैं. पंजाब में डेढ़ लाख हेक्टेयर फसल तबाह हो चुकी है. सेना और एनडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं. अब तक 20 हज़ार से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बाढ़ से सिर्फ भारत के पंजाब में नहीं है, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब में भी बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. भारत-पाकिस्तान की फेंसिंग और बीएसएफ की कई चौकियां डूब गई हैं.
3.84 लाख लोग झेल रहे बाढ़ की त्रासदी
पंजाब इन दिनों सदी की सबसे भयंकर बाढ़ का सामना कर रहा है. इस आपदा ने लोगों की जिंदगी, फसलों और बुनियादी ढांचे को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है. पुल, सड़कें, सब ध्वस्त हो चुके हैं. पंजाब के कुल 23 जिलों के 1902 गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं, जिससे करीब 3.84 लाख लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई है. फाजिल्का में तो एनडीआरएफ के जवान रोज ऐसे सैकड़ों लोगों को निकाल रहे हैं, जो बाढ़ में फंसे हुए हैं. इनमें कई बुजुर्ग बीमार महिलाएं भी हैं. बीमार लोगों को एनडीआरएफ की टीमें अपनी बोट से अस्पताल पहुंचा रही हैं.
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