भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ की वजह से रिश्ते पिछले दो दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है. टैरिफ नीति के अलावा, अमेरिकी प्रशासन की ओर से भारत की आलोचना करने की वजह से रिश्तों में दरार आई है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी का व्यक्तिगत रिश्ता अच्छा था. लेकिन अब वह खत्म हो चुका है. यह सभी के लिए यह सबक है कि व्यक्तिगत मित्रता अस्थायी होती है.
ब्रिटिश चैनल एलबीसी एक दिए एक इंटरव्यू में पूर्व NSA जॉन बोल्टन ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच दोस्ती का रिश्ता खत्म हो गया है. अब कुछ भी नहीं बचा है.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भी ये बात समझ लें कि व्यक्तिगत रिश्ते कभी-कभी मदद कर सकते हैं, लेकिन कठोर फैसलों से बचा नहीं जा सकता है.
पूर्व NSA बोल्टन ने कहा कि ट्रंप ऐसे राष्ट्रपति हैं जो कि अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को नेताओं के अपने निजी संबंधों की नज़र से देखते हैं. अगर ट्रंप की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से रिश्ते अच्छे हैं तो वह उन्हें लगता है कि अमेरीका और रूस के बीच रिश्ते भी अच्छे हैं.
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हाल में ही चीन में आयोजित SCO समिट में प्रधानमंत्री मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की मुलाक़ात हुई थी, जिसे भारत की बदलती प्राथमिकताओं का संकेत माना जा रहा है.
पूर्व NSA बोल्टन ने याद दिलाया कि कभी ट्रंप और मोदी का ‘ब्रोमेंस’ चल रहा था. अमेरिकी चुनाव के पहले ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ रैली और स्टेट विज़िट्स सुर्खियों में रहा था. लेकिन अब यह रिश्ता खत्म हो चुका है.
बोल्टन की चेतावनी
उन्होंने कहा कि विश्व के दूसरे नेताओं को भी समझने की ज़रूरत है कि ट्रंप से उनके व्यक्तिगत रिश्ता मजबूत हो तो उन्हें उसका स्थायी लाभ तो मिल सकता है, लेकिन राष्ट्रपति के निर्णय लेने के तरीके से बचाव नहीं कर सकते.
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