इंदौर के सरकारी अस्पताल में चूहों के काटे जाने से 2 नवजात शिशुओं की मौत पर प्रदेश की बीजेपी सरकार घिर गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पर ‘सरकारी लापरवाही’ का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें शर्म से सिर झुका लेना चाहिए.
सरकारी महाराजा यशवंतराव अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में चूहों ने एक नवजात शिशु की उंगलियां कुतर दीं. बाद में चूहों ने मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक, इसी अस्पताल में एक और बच्चे के सिर और कंधे को कुतर दिया.
मंगलवार को एक शिशु की मौत हो गई, अस्पताल ने कहा कि उसकी मौत का कारण निमोनिया था. दूसरे शिशु की बुधवार को मृत्यु हो गई और अस्पताल प्रशासन ने दावा किया कि मौत का कारण चूहे का काटना नहीं, बल्कि रक्त संक्रमण था.
घटनाओं को लेकर BJP सरकार की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने एक पोस्ट में कहा, “इंदौर में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में दो नवजात शिशुओं की चूहों के काटने से मौत यह कोई दुर्घटना नहीं यह सीधी-सीधी हत्या है. यह घटना इतनी भयावह, अमानवीय और असंवेदनशील है कि इसे सुनकर भी रूह कांप जाए.
एक मां की गोद से उसका बच्चा छिन गया, सिर्फ इसलिए क्योंकि सरकार ने अपनी सबसे बुनियादी जिम्मेदारी नहीं निभाई.
हेल्थ सेक्टर को जानबूझकर प्राइवेट हाथों में सौंपा गया – जहां इलाज अब सिर्फ अमीरों के लिए रह गया है और गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल अब जीवनदायी नहीं, मौत के अड्डे बन चुके हैं.
प्रशासन हर बार की तरह कहता है कि ‘जांच होगी’, लेकिन सवाल यह है कि जब आप नवजात बच्चों की सुरक्षा तक नहीं कर सकते, तो सरकार चलाने का क्या हक़ है?
PM मोदी और MP के मुख्यमंत्री को शर्म से सिर झुका लेना चाहिए. आपकी सरकार ने देश के करोड़ों गरीबों से स्वास्थ्य का अधिकार छीन लिया है और अब मां की गोद से बच्चे तक छिनने लगा है.
मोदी जी, यह आवाज़ उन लाखों मां-बाप की तरफ से उठ रही है जो आज सरकारी लापरवाही का शिकार हो रहे हैं. क्या जवाब देंगे?”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनकी पार्टी चुप नहीं बैठेगी और कहा कि यह लड़ाई हर गरीब, हर परिवार और हर बच्चे के अधिकारों के लिए है.
महाराजा यशवंतराव अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. जितेंद्र वर्मा ने कहा कि जिस नवजात बच्ची पर हाल ही में चूहों ने हमला किया था और बुधवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, उसका वज़न सिर्फ़ 1.60 किलोग्राम था और वह आंतों की विकृति सहित कई जन्मजात विकृतियों से ग्रस्त थी.
सात दिन पहले अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था और ‘सेप्टिसीमिया’ यानी रक्त संक्रमण के कारण उसकी हालत गंभीर थी, जिससे उसकी मौत हो गई.
डॉक्टर ने आगे कहा कि उसके परिवार की इच्छा के अनुसार, शव का पोस्टमार्टम किए बिना ही उन्हें सौंप दिया गया.
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