दिल्ली और एनसीआर के कई इलाके पानी में डूब गए हैं. सोशल मीडिया पर जलमग्न सड़कों, डूबी हुई कारों और घरों में घुसे पानी की तस्वीरें और वीडियो भरे पड़े हैं. दिल्ली में बाढ़ की वजह यमुना का उफान है, जबकि गुरुग्राम में जल निकासी की समस्या को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
दिल्ली में यमुना नदी छह दशकों में अपने तीसरे सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. गुरुवार सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है. कल भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर केरिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था. सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों के अनुसार, यमुना नदी कुछ इलाकों में अपने तटबंधों से 7 किलोमीटर से अधिक तक फैल गई है.
निचले इलाकों में पानी भरा, रेस्क्यू जारी
यमुना नदी के उफान से दिल्ली के कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं. सैटेलाइट विश्लेषण से पता चला है कि गीता कॉलोनी, मयूर विहार फेज I, यमुना बाज़ार, रिंग रोड (वज़ीराबाद की ओर), सिविल लाइंस, सोनिया विहार, कश्मीरी गेट, बवाना, मुकुंदपुर, सरिता विहार और जनकपुरी के इलाके पानी में डूब सकते हैं.
यमुना बाज़ार में लोगों को घुटनों तक पानी में चलते हुए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को बचाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है.
गुरुग्राम में भी जलभराव की समस्या
दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम में भी भारी बारिश ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. सोमवार को सिर्फ चार घंटे में 100 मिमी बारिश होने से गुरुग्राम में NH-48 पर जाम लग गया और सड़कें जलमग्न हो गईं. खराब जल निकासी और वर्षा जल प्रबंधन को गुरुग्राम की दुर्दशा का कारण बताया गया है. सैटेलाइटकी तस्वीरों में पालम के पास, उद्योग विहार और नजफगढ़ झील के आसपास भी बाढ़ देखी गई.
आईएमडी ने दी थी भारी बारिश की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 1 से 3 सितंबर तक दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की थी. 3 सितंबर को हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश (64.5-204.4 मिमी) जारी रही, जिससे निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ का खतरा बढ़ गया.
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