सुप्रीम कोर्ट को 2033 तक यानी अगले आठ साल में आठ चीफ जस्टिस मिलेंगे. इनके कार्यकाल 36 दिन से लेकर करीब सवा दो साल तक के होंगे.
मौजूदा चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के 23 नवंबर 2025 को रिटायर होने के बाद जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट का नेतृत्व 9 फरवरी 2027 तक करेंगे.
इसके बाद 10 फरवरी से 23 सितंबर तक जस्टिस विक्रम नाथ और 24 सितंबर 2027 से लेकर 29 अक्तूबर 2027 तक की 36 दिनों की अवधि में जस्टिस बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यभार संभालेंगी. वो पूर्व चीफ जस्टिस इंगलगुप्पे सीतारमैया वेंकटरमैया की बेटी हैं. इसके साथ ही पिता और बेटी के देश के चीफ जस्टिस की कुर्सी संभालने का कीर्तिमान भी बनेगा.
अब तक सिर्फ पिता और बेटे के रूप में सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस बनने का रिकॉर्ड जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ और उनके बेटे जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का है.
इसके बाद अगले सात महीने यानी 30 अक्टूबर 2027 से 2 मई 28 तक जस्टिस पामिदीघंटम श्री नरसिम्हा चीफ जस्टिस बनेंगे. वो जस्टिस एस एम सीकरी और जस्टिस उदय उमेश ललित के बाद वकालत के पेशे से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनकर चीफ जस्टिस की कुर्सी संभालने वाले तीसरी हस्ती होंगे.
जस्टिस नरसिम्हा के बाद 2028 में 3 मई को चीफ जस्टिस पद की शपथ लेंगे जस्टिस जमशेद बुर्जोर पारदीवाला. जस्टिस पारदीवाला का कार्यकाल कई दशकों में सबसे बड़ा होगा. वो जस्टिस चंद्रचूड़ से भी अधिक समय तक यानी दो साल तीन महीने सात दिन देश के चीफ जस्टिस रहेंगे.
जस्टिस पारदीवाला के 11 अगस्त 2030 को रिटायरमेंट के बाद 12 अगस्त 2030 को जस्टिस केवी विश्वनाथन चीफ जस्टिस बनेंगे. जस्टिस विश्वनाथन सवा नौ महीने यानी 25 मई 2031तक इस पद पर रहेंगे. जस्टिस विश्वनाथन वकालत के पेशे से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनकर चीफ जस्टिस बनने वाले चौथे शख्स होंगे.
इसके बाद जस्टिस जॉयमाल्य बागची 26 मई 2031 से दो अक्टूबर 2031 तक यानी चार महीने से कुछ अधिक देश के चीफ जस्टिस बनेंगे. इनके बाद तीन अक्टूबर 2031 को जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली देश की सर्वोच्च न्यायपालिका की कमान संभालेंगे. जस्टिस पंचोली 27 मई 2033 तक यानी करीब दो साल 19 महीने से अधिक इस पद पर रहेंगे.
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