GST काउंसिल की बैठक में टैक्स के रेट्स को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. सरकार ने 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब को हटा दिया है. अब सिर्फ 5%, 18% और 40% 3 स्लैब रह गए हैं. कृषि क्षेत्र की अधिकांश चीजों को अब 5 फीसदी के दायरे में ला दिया गया है. ट्रैक्टर, टायर, सिंचाई मशीन, खाद बनाने की मशीन और जैव-कीटनाशकों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है. इससे खेती की लागत घटेगी और किसानों को सस्ते दाम पर उपकरण मिलेंगे. बता दें कि नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी.
खेती से जुड़ी चीजों पर कितना टैक्स लगेगा?
- ज्यादातर कृषि सामान पर अब सिर्फ 5% GST लगेगा.
- बायो पेस्टिसाइड पर 5% GST लगेगा.
- हालांकि, केमिकल पेस्टिसाइड अभी भी 18% ही रहेगा.
ट्रैक्टर और कृषि यंत्र सस्ते
किसानों के लिए सबसे बड़ी राहत ट्रैक्टर की कीमतों में कमी के रूप में आई है. पहले ट्रैक्टर खरीदने पर 12% जीएसटी देना पड़ता था, लेकिन अब इसे घटाकर सिर्फ 5% कर दिया गया है. इसके अलावा ट्रैक्टर के टायर, ट्यूब, हाइड्रोलिक पंप और जरूरी पार्ट्स भी सस्ते होंगे. ट्रैक्टर के टायर पर भी पहले 18% जीएसटी लगता था, जो अब सिर्फ 5% कर दिया गया है. अब ट्रैक्टर और टायर खरीदना सस्ता होने से छोटे किसानों को सीधा फायदा मिलेगा.
खाद बनाने वाली मशीन और जैव-कीटनाशकों पर राहत
खेती में उपयोग होने वाली वानिकी-बागवानी मशीन, हार्वेस्टिंग और थ्रेसिंग मशीन पर पहले 12% जीएसटी लागू होता था, अब इन पर भी सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा. खाद बनाने में इस्तेमाल होने वाले अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड पर अब 18% की जगह सिर्फ 5% GST लगेगा.
सिंचाई के सामान भी सस्ते
सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा देना चाहती है. इसलिए इनसे जुड़ी कई मशीनों पर टैक्स घटाया गया है. 15 HP से कम के डीजल इंजन, थ्रेसिंग मशीन और कम्पोस्टिंग मशीन पर सिर्फ 5% GST लगेगा, जो पहले 12% था.
खाद और उर्वरक भी होंगे सस्ते
जैव-कीटनाशकों और प्राकृतिक मेन्थॉल पर भी टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है. इससे किसानों को जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और उत्पादन लागत भी कम होगी.
दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स भी होंगे सस्ते
दूध से जुड़े रोजमर्रा के प्रोडक्ट्स जैसे दही, पनीर, छाछ पर अब सिर्फ 5% GST लगेगा. इससे घर का बजट हल्का होगा और पोषण की चीजें अब सस्ती मिलेंगी. इसके अलावा तैयार मछली और प्रिज़र्व्ड फिश पर GST दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5% GST कर दिया है. प्राकृतिक शहद पर भी टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है.
किसानों पर होगा सीधा असर
नई जीएसटी दरों से खेती की लागत में सीधे तौर पर कमी आएगी. ट्रैक्टर और टायर की कीमत कम होने से किसान आसानी से मशीनें खरीद पाएंगे. खाद और कीटनाशक पर टैक्स घटने से उत्पादन लागत भी कम होगी. किसान ट्रैक्टर और मशीनें सस्ती खरीद सकेंगे और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी.
—- समाप्त —-