22 सितंबर से कारों और मोटरसाइकिलों की कीमतों में बदलाव होने वाला है. कुछ मोटरसाइकिलें सस्ती होंगी, तो कुछ महंगी. यही बात कार पर भी लागू होती है. जीएसटी में बदलाव की क्या शर्तें हैं और इसका पूरे ऑटोमोबाइल बाजार पर कितना असर पड़ेगा? आइए जानते हैं-
मोटरसाइकिलों पर अभी 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है. हालांकि, 350 सीसी से कम इंजन वाली मोटरसाइकिलों के लिए इसे घटाकर 18 प्रतिशत और 350 सीसी से अधिक इंजन के लिए इसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया जाएगा. 1,200 सीसी से कम इंजन वाली पेट्रोल कारों और 1,500 सीसी से कम इंजन वाली डीजल कारों के लिए, अगर दोनों चार मीटर से कम लंबी हैं, जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है.
वित्त मंत्रालय के अनुसार, अन्य कारों के लिए जीएसटी बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया जाएगा.
वर्तमान में चार मीटर से बड़ी कई कारों पर 22 प्रतिशत तक का कंपनसेशन टैक्स लगाया जाता है, जिससे कुल टैक्स 50 प्रतिशत हो जाता है. ऐसी गाड़ियों पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो कि टैक्स में 10 प्रतिशत की कटौती होगी. यानी अब लंबी गाड़ियां भी सस्ती होने वाली हैं.
भारत का मोटरसाइकिल बाजार
आइए अब भारत के मोटरसाइकिल बाजार पर एक नजर डालते हैं. अप्रैल से जुलाई के बीच बिकने वाली लगभग हर दो में से एक मोटरसाइकिल, यानी 45.1 प्रतिशत, 110 सीसी से कम की थी.
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स, जो भारत में सभी प्रमुख वाहन और वाहन इंजन निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली एक राष्ट्रीय संस्था है, के अनुसार, अन्य 29.1 प्रतिशत मोटरसाइकिलें 110 और 125 सीसी के बीच की थीं. बेची गई मोटरसाइकिलों में से लगभग 3.6 प्रतिशत 125-150 सीसी, 11.6 प्रतिशत 150-200 सीसी, 1.4 प्रतिशत 200-250 सीसी और 7.7 प्रतिशत 250-300 सीसी की थीं.
इसका मतलब है कि बेची गई मोटरसाइकिलों में से केवल 1.5 प्रतिशत ही 350 सीसी से अधिक की थीं. आंकड़ों से पता चलता है कि मोटरसाइकिलों पर टैक्स में कमी से बाजार के एक बड़े हिस्से को फ़ायदा होगा.
कार बाजार
भारत का कार बाजार मोटरसाइकिल बाजार जितना विषम नहीं है. इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच बिकी 60 प्रतिशत कारें चार मीटर से छोटी थीं. अब कार बाजार में यूटिलिटी वाहनों की हिस्सेदारी 68 प्रतिशत है. यूटिलिटी वाहनों में से 54 प्रतिशत चार मीटर से बड़े हैं.
नई दरों के कारण कुछ खरीदारों को गाड़ी खरीदने की अपनी प्लानिंग कुछ समय के लिए रोकनी पड़ सकती है. 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब को खत्म कर इनकी जगह क्रमशः पांच प्रतिशत और 18% का स्लैब लाया गया है.
इसके अतिरिक्त लग्जरी और सिन गुड्स यानी स्वास्थ्य और समाज के लिए हानिकारक माने जाने वाले प्रोडक्ट्स को 40% वाले नए स्लैब में रखा गया है. नई दरें इसी महीने 22 तारीख से लागू होंगी.
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