दिल्ली में इस साल जमकर बारिश हुई है. दिल्ली में 15 सालों के बारिश का रिकॉर्ड भी टूट गया है. दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया, जिससे निचले इलाकों में तेजी से पानी बढ़ रहा है. यमुना बाजार, मजनू का टीला, बुराड़ी में बाढ़ जैसी स्थिती बनी हुई है और लोगों को सुरक्षित दूसरे स्थान पर पहुंचाया गया है.
आज (मंगलवार) को यमुना का जलस्तर 206.22 मीटर (खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर) पहुंच गया है. प्रशासन की ओर से पुराने रेलवे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिए गया है.
आइए अब जानते हैं कि वो कौन-कौन सी एजेंसियां हैं जो दिल्ली बाढ़ संकट को अग्रिम मोर्चे पर संभालती हैं.
दिल्ली में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सरकारी एजेंसियां 24 घंटे काम कर रही हैं. बाढ़ प्रबंधन की ज़िम्मेदारी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, पीडब्ल्यूडी, जल बोर्ड, शहरी विकास, एमसीडी और राजस्व विभाग के पास है.
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बाढ़ प्रबंधन की कमान
राजधानी दिल्ली को बाढ़ से बचाने की जिम्मेदारी दिल्ली के डिविजनल कमिश्नर नीरज सेमवाल को सौंपी गई है.
अधिकारी 24×7 ड्यूटी पर
बाढ़ की स्थिति पर तेज और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने सभी ज़ोन में अधिकारियों को तैनात किए हैं. जिनमें 2 चीफ इंजीनियर, 5 सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर और 20 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को तैनात किया गया है.
कौन क्या काम देख रहा है?
- पीडब्ल्यूडी विभाग दिल्ली में नालों की सफ़ाई का काम देख रहा है. ताति कॉलनियों को पानी के ओवरफ्लो से बचाया जा सके. पंपिंग के ज़रिए एक्स्ट्रा पानी को यमुना नदी में छोड़ना भी इस विभाग का काम है.
- सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग बाढ़ का पानी सही दिशा में बह रहा है या कॉलोनियों में नहीं घुसने में मदद कर रही है.
- राजस्व विभाग का काम स्थानांतरित हुए लोगों को शेल्टर होम बनाती है, जरूरतमंदों को भोजन और दवा उपलब्ध कराना और DDMA की टीमें भेजती हैं.
- शहरी विकास एवं MCD का काम छोटे नालों की सफ़ाई करना है, ताकि पानी जमा न हो.
- दिल्ली जल बोर्ड सीवर लाइन की सफ़ाई करती है ताकि पानी बैक होकर कॉलोनियों में न घुसे.
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