उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 11वीं के छात्र पीयूष उर्फ यश की हत्या ने पूरे शहर को हिला दिया. मासूम का कत्ल किसी रंजिश या लूट के लिए नहीं बल्कि तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास की आड़ में किया गया. कातिल कोई बाहरी नहीं बल्कि रिश्ते का दादा निकला. उसने अपने ही घर के मंदिर में पीयूष की बलि दी और फिर लाश के टुकड़े-टुकड़े कर ठिकाने लगाने की कोशिश की. आरोपी इस वक्त पुलिस की गिरफ्त में है.
पुलिस ने रविवार को आरोपी को उकसाने वाले तांत्रिक को भी गिरफ्तार कर लिया. उसकी पहचान मुन्ना लाल (45) के रूप में हुई है. पूछताछ में उसने खौफनाक खुलासा किया. उसने कबूल किया कि उसने ही मुख्य आरोपी शरण सिंह को समझाया था कि उसके घर पर पीयूष के पिता का काला साया है. उससे छुटकारा पाने के लिए पीयूष की बलि चढ़ाकर उसके शव के टुकड़े-टुक़ड़ करके आसपास फेंकने होंगे.
26 अगस्त की सुबह पीयूष रोज की तरह स्कूल के लिए निकला, लेकिन रास्ते से अचानक लापता हो गया. परिवार तलाश में जुटा ही था कि दोपहर में सूचना मिली कि इंडस्ट्रियल एरिया में बोरी से एक इंसानी धड़ बरामद हुआ है. तुरंत पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी. इलाके के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए और स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई.
अंधविश्वास ने करवाया पोते का कत्ल
करीब 200 सीसीटीवी फुटेज स्कैन करने के बाद पुलिस की नजर एक स्कूटी पर गई. यह स्कूटी सादियापुर निवासी प्रॉपर्टी डीलर शरण सिंह की थी. जब उसे हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उसने खौफनाक सच उगल दिया. सामने आई कत्ल की वो कहानी जिसने सभी को दहला दिया. शरण सिंह रिश्ते में पीयूष का चचेरा दादा था. कुछ समय पहले उसकी बेटी और बेटे ने आत्महत्या कर ली थी.
पीयूष की दादी पर टोना-टोटका का शक
दोहरी त्रासदी से टूटा शरण सिंह मान बैठा था कि उसके परिवार पर किसी ने काला जादू कर दिया है. इसी सोच में वह तांत्रिक मुन्ना के संपर्क में आया. मुन्ना ने उसे भरोसा दिलाया कि ग्रहदोष और काले साये से छुटकारा पाने के लिए किसी रिश्तेदार के बच्चे की बलि देनी होगी. शरण को शक था कि उसकी भाभी यानी पीयूष की दादी ने टोना-टोटका किया है. अंधविश्वास के बहकावे में उसने पीयूष को निशाना बना लिया.
पूजा घर में रची गई हत्या की साजिश
26 अगस्त को शरण सिंह ने पीयूष को बहाने से अपने घर बुलाया. पूजा घर में पहले से नरबलि का सामान तैयार रखा गया था. यहां उसने पीछे से वार कर पीयूष को बेहोश किया और फिर तकिए से उसका दम घोंट दिया. इसके बाद आरी से सिर और हाथ-पांव काट दिए और तांत्रिक विधियां करता रहा. लाश के अलग-अलग हिस्से पॉलीथिन में भरकर अलग-अलग जगह फेंक दिए गए.
24 घंटे में खुला हत्याकांड का राज
उसके शव का सिर-हाथ-पांव रसूलपुर और अतारसुइया इलाके में फेंके गए, जबकि धड़ इंडस्ट्रियल एरिया में बोरी में बंद मिला. घर में गुनाह छुपाने के लिए शरण ने 100 से ज्यादा अगरबत्तियां जलाईं और इत्र छिड़के. लेकिन पुलिस ने जांच में तेजी दिखाई और सीसीटीवी की मदद से 24 घंटे के भीतर ही शरण सिंह को गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर पीयूष का सिर और अंग बरामद किए गए.
तांत्रिक ने नरबलि का दिया आइडिया
इसके साथ ही पुलिस ने तांत्रिक मुन्ना को भी दबोच लिया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि मुन्ना ने ही नरबलि का आइडिया दिया था. यह सनसनीखेज हत्याकांड अंधविश्वास की उस भयावह सच्चाई को उजागर करता है, जिसमें लोग रिश्तों की बलि देकर भी काले जादू से मुक्ति तलाशते हैं. प्रयागराज का यह मामला न सिर्फ पूरे प्रदेश बल्कि देश को हिला देने वाला साबित हुआ है.
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