अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोचते एक चीज हैं, कहते दूसरी हैं और फिर सोशल मीडिया पर लिख तीसरी चीज देते हैं. यही हाल व्यापार और वीजा को लेकर भी दिखा. बड़े पैमाने पर 50 फीसदी टैरिफ रेट लगाने के बाद अब उन्होंने भारतीयों के लिए 250 डॉलर का नया वीजा शुल्क लगा दिया है. ट्रंप का तर्क है कि अमेरिका-भारत का व्यापार एकतरफा है.
ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि बहुत कम लोग यह समझते हैं कि हम भारत के साथ बहुत कम कारोबार करते हैं, लेकिन वे हमारे साथ बहुत ज्यादा करते हैं. हालांकि उन्हें शायद यह समझ नहीं कि व्यापार केवल सामान (Merchandise) तक सीमित नहीं है. इसमें सेवाएं (Services) भी शामिल हैं.
अमेरिकी कंपनियां और संस्थान भारतीय उपभोक्ताओं से हर साल करीब 85 अरब डॉलर कमाते हैं. ये आम निर्यात से अलग है. एप्पल, अमेज़न, गूगल, मेटा, डेल, वॉलमार्ट, सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन, मैकेंज़ी, फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियां भारत से भारी मुनाफा कमा रही हैं.
लेकिन टैरिफ की तरह यह नया वीजा शुल्क भी अमेरिका के लिए खुद नुकसानदेह साबित हो सकता है. वजह है कि वहां आने वाले पर्यटकों की संख्या पहले से ही गिरावट में है. जून में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आगमन 52.79 लाख रहा, जबकि पिछले साल जून में यह 56.29 लाख था और 2019 (कोविड से पहले) में ये 63.26 लाख था.
कोविड वर्ष 2020 को छोड़ दें तो पहली बार भारतीय पर्यटकों की अमेरिका यात्रा में कमी दर्ज हुई. जून 2024 में अमेरिका पहुंचे भारतीय पर्यटक 2.14 लाख रहे, जबकि पिछले साल जून में यह संख्या 2.33 लाख थी.
अमेरिका में आने वाले कुल पर्यटकों में भारतीयों की भूमिका काफी अहम है. जून में अमेरिका आने वाले पर्यटकों में मेक्सिको, कनाडा और इंग्लैंड के बाद भारतीय चौथे नंबर पर सबसे ज्यादा थे. दिलचस्प बात यह है कि नया वीजा शुल्क मेक्सिको के पर्यटकों पर भी लागू होगा. जून में भारत और मेक्सिको से आए पर्यटक कुल आने वाले पर्यटकों का 30 फीसदी रहे.
जून में अमेरिका में पर्यटकों की कमी केवल भारत या कुछ देशों तक सीमित नहीं रही बल्कि ये 127 देशों से भी घटी. इस दौरान इजरायल से आने वाले पर्यटक 35.3%, मलेशिया से 34.3%, फ्रांस से 24.1%, ब्रिटेन से 22.1%, और जर्मनी से 15.6% घटे.
इसके उलट, जून में पाकिस्तान से आने वाले पर्यटक 40.5% और बांग्लादेश से 46.8% बढ़े. इस तरह देखा जाए तो अमेरिका ने वीजा शुल्क बढ़ाकर भारतीय और मैक्सिकन पर्यटकों पर बोझ डाल तो दिया, लेकिन गिरते पर्यटन के बीच यह कदम कहीं उसे खुद ही महंगा न पड़ जाए.
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