उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना उफान पर आ गई है. यमुना नदी का पानी अलर्ट लेवल के पास तक पहुंच गया है. नदी का स्तर बढ़ने पर पानी ताजमहल के पीछे उत्तर दिशा की दीवारों के पास तक पहुंच चुका है. एहतियातन वहां पर स्थित CISF की चौकी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को मौके से हटा दिया गया है और चौकी का दरवाजा बंद कर दिया गया है.
दशहरा घाट पर रिवर पुलिस का एक स्टीमर और दो बोट तैनात की गईं हैं. अगर कोई भी यमुना में डूबते हुए दिखा तो उसे स्टीमर और बोट की मदद से तुरंत बचाने का कार्य रिवर पुलिस के द्वारा किया जाएगा. आगरा नगर निगम ने घाटों के किनारे ऊंची-ऊंची बल्लियां लगवाकर बैरिकेडिंग करवा दी है. घाटों पर पुलिस तैनात कर दी गई है और आम आदमियों को घाटों तक जाने से रोका जा रहा है. बैरिकेडिंग को पार कर किसी को भी यमुना की तरफ जाने की इजाजत नहीं है.
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगरी में स्पष्ट रूप से कहा है कि यमुना से दूर रहें उसके पास न जाएं. क्योंकि, वर्तमान में यमुना 151.370 मीटर पर बह रही है जबकि अलर्ट लेवल 151.400 मीटर पर है. नदी में पानी का बहन बहुत तेज है और पानी में खरपतवार तैरते हुए लगातार जा रही है.
आगरा के कैलाश घाट, पोईया घाट, बल्केश्वर घाट, हाथी घाट, दशहरा घाट की सीढ़ियां यमुना के पानी में समा चुकी हैं. श्मशान घाट पर नीचे बने दाह संस्कार के चबूतरे पानी में डूब गए हैं लेकिन ऊपर के चबूतरों पर दाह संस्कार का काम घाट पर बदस्तूर जारी है.
मालूम हो कि आगरा की स्थिति हथिनी कुंड से छोड़े गए पानी पर निर्भर करती है. अगर वहां से लगातार पानी छोड़ा जाएगा तो यहां यमुना खतरे के निशान की तरफ तेजी से बढ़ सकती है. ऐसे में नदी के किनारों पर बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा. फिलहाल, प्रशासन अलर्ट मोड पर है. यह स्थिति पिछले कुछ सालों में आई बाढ़ की याद दिला रही है, जब यमुना का पानी ताजमहल की दीवारों तक पहुंच गया था.
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रिपोर्ट- अरविंद शर्मा