अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल (Truth Social) पर भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को लेकर एक पोस्ट शेयर किया. इसमें ट्रंप ने दावा किया कि भारत अमेरिका को भारी मात्रा में सामान बेचता है, जबकि अमेरिका भारत को बहुत कम सामान बेच पाता है, जिसे उन्होंने दशकों से चला आ रहा ‘एकतरफा आपदा’ करार दिया.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पोस्ट में कहा, ‘बहुत कम लोग जानते हैं कि हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं, लेकिन वह अमेरिका के साथ बहुत बड़े स्तर पर व्यापार करता है. दूसरे शब्दों में, वे हमें अपने सबसे बड़े ग्राहक के रूप में भारी मात्रा में सामान बेचते हैं, लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेच पाते हैं.’
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दुनिया में सबसे ज्यादा है भारत का टैरिफ: ट्रंप
उन्होंने भारत पर दुनिया में सबसे ज्यादा इम्पोर्ट ड्यूटी (दूसरे देशों से आने वाले सामान पर आयात शुल्क) लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना मुश्किल हो गया है. ट्रंप ने भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारत रूस से भारी मात्रा में तेल और सैन्य उपकरण खरीदता है, जबकि अमेरिका से बहुत कम खरीदता है.
US President Donald Trump posts on Truth Social, says, “What few people understand is that we do very little business with India, but they do a tremendous amount of business with us. In other words, they sell us massive amounts of goods, their biggest “client,” but we sell them… pic.twitter.com/CmD7j4jSdM
— ANI (@ANI) September 1, 2025
डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी दावा किया है कि भारत ने अमेरिकी आयात पर अब अपने टैरिफ को न्यूनतम करने की पेशकश की है, लेकिन उन्होंने इसे ‘बहुत देर से उठाया गया कदम’ बताया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत को यह कदम सालों पहले उठाना चाहिए था.’ ट्रंप का यह पोस्ट ऐसे समय में आया है, जब उनके द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के कारण भारत-अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए हैं.
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डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाया है 50% टैरिफ
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाया है. इसमें 25% बेस लाइन टैरिफ है, और 25% रूस से तेल खरीदने की सजा के रूप में एडिशनल टैरिफ है, जो 27 अगस्त 2025 से लागू हो चुका है. ट्रंप के इस कदम से भारत के टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण और समुद्री खाद्य जैसे क्षेत्रों पर असर पड़ा है, जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति का आरोप है कि भारत तेल खरीदकर रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए अपरोक्ष रूप से फंडिंग कर रहा है.
वहीं भारत ने इस टैरिफ को अन्यायपूर्ण और अनुचित बताया है. भारत ने कहा है कि उसका रूस से तेल आयात 1.4 अरब भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि कई पश्चिमी देश, जिनमें अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं, खुद रूस से व्यापार करते हैं, फिर भी भारत को अनावश्यक रूप से निशाना बनाया जा रहा है. भारत ने साफ किया है कि वह रूस से तेल खरीद जारी रखेगा, क्योंकि यह उसकी आर्थिक जरूरतों के लिए अनिवार्य है.
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ट्रंप की टैरिफ नीति भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि दोनों देश पहले एक-दूसरे को रणनीतिक साझेदार मानते थे. ट्रंप की इस सख्त नीति ने भारत को रूस और चीन जैसे देशों के साथ अपनी साझेदारी मजबूत करने की ओर प्रेरित किया है, जिससे वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं. रूस तो वैसे भी भारत का दशकों से विश्वस्त साझेदार है. अमेरिकी टैरिफ के जवाब में भारत ने कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा.
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