प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के पोर्ट सिटी तियानजिन में आयोजित SCO के पच्चीसवें शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतंकवाद, न्यू वर्ल्ड ऑर्डर, बहुपक्षवाद की पैरवी की है. पीएम मोदी ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? उन्होंने अमेरिकी जैसी शक्तियों को संदेश देते हुए कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को आउटडेटेड फ्रेमवर्क में कैद रखना भावी पीढ़ियों के प्रति घोर अन्याय है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में रिफॉर्म की पैरवी करते हुए कहा कि 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर हम एकमत होकर यूएन रिफॉर्म का आह्वान कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि SCO को लेकर भारत की सोच और नीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है. इसको समझाते हुए उन्होंने कहा कि S का अर्थ सिक्योरिटी, C का मतलब कनेक्टिविटी, और O से का ऑपरट्यूनिटी से है.
पीएम मोदी ने S यानि, Security के संदर्भ में कहा कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं. किन्तु इस मार्ग में आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद बड़ी चुनौतियां हैं.
आतंकवाद का खुलेआम समर्थन स्वीकार्य कैसे?
पीएम मोदी ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि हमने पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा. इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं. यह हमला केवल भारत की अंतरात्मा पर ही आघात नहीं था, यह मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश, हर व्यक्ति को खुली चुनौती थी.
पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, “ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है, क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी डबल स्टैंडर्ड स्वीकार्य नहीं होंगे.”
कनेक्टिविटी को संप्रभुता से जोड़ा
प्रधानमंत्री मोदी ने SCO के दूसरे स्तंभ C यानि Connectivity पर भी अपने विचार रखे. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि कनेक्टिविटी के हर प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए. उन्होंने चीन के BRI प्रोजेक्ट का नाम लिए बिना कहा कि जो कनेक्टिविटी सॉवरेनिटी का उल्लंघन करती है वो अपना विश्वास खो देती है.
SCO के O का अर्थ बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरट्यूनिटी का मतलब सहयोग और रिफॉर्म के लिए ऑपरट्यूनिटी है. उन्होंने कहा कि आज भारत Reform, Perform और Transform के मूलमंत्र पर आगे बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक संस्थानों में रिफॉर्म्स के जरिए SCO सदस्य आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र में रिफॉर्म्स का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी 80वीं वर्षगांठ पर हम इसकी शुरुआत कर सकते हैं.
दिग्गज देशों को नजरिया बदलने की सीख
पीएम मोदी ने अमेरिका समेत दुनिया के बड़े देशों को अपना नजरिया बदलने की सीख देते हुए कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को आउटडेटेड फ्रेमवर्क्स में कैद रखना भावी पीढ़ियों के प्रति घोर अन्याय है. पीएम ने कहा कि नई पीढ़ी के बहुरंगी सपनों को हम पुराने जमाने की ब्लैक-एंड व्हाइट स्क्रीन पर नहीं दिखा सकते. इसके लिए स्क्रीन बदलनी होगी. उन्होंने कहा कि SCO बहुपक्षवाद और समावेशी वर्ल्ड ऑर्डर का मार्गदर्शक बन सकता है.
बता दें कि SCO की अगली अध्यक्षता किर्गिज़स्तान को मिली है. पीएम मोदी ने किर्गिज़स्तान के राष्ट्रपति जपारोव को इसके लिए शुभकामनाएं दी हैं.
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