देश में इस वक्त लाखों लोग बाढ़-बारिश और बादल फटने की घटना से प्रभावित हो रहे हैं. पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक बारिश,बाढ़ और बर्बादी की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं. पहाड़ों पर बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाया है, और फिर उफनती और गरजती नदियां यहां निकलकर मैदानी इलाकों में सबको डुबोने पर आतुर हो गई हैं. देश के 10 से ज्यादा राज्य जबरदस्त बारिश, बाढ़ या फ्लैश फ्लड की चपेट में हैं. इनमें जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, ओडिशा और असम हैं. इसके अलावा हरियाणा और दिल्ली में भी यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है.
हजारों लोग गर्मियों या सर्दियों के मौसम में पहाड़ों पर छुट्टियां मनाने जाते हैं. कई लोग तो ये भी सोचते हैं कि काश पहाड़ों पर ही एक घर होता तो कितना अच्छा होता. सर्दियों और गर्मियों में जिन पहाड़ों पर खूबसूरत वादियां दिखती है, मॉनसून में वही पहाड़ बर्बादी का भयानक मंज़र दिखाते हैं. इस बार जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में बारिश और इसके बाद आए फ्लैश फ्लड ने बड़ी तबाही मचाई है.
सबसे पहले जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं. जम्मू में बारिश ने 115 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मौसम विभाग कह रहा है कि 24 घंटे में जम्मू में 380 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. इससे पहले साल 1910 में 24 घंटे के अंदर 270 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी और ये रिकॉर्ड अभी तक बरकरार था. जम्मू में अगस्त महीने में औसतन 403 मिलीमीटर बारिश होती है. आप सोचिए कि 380 मिलीमीटर बारिश तो एक ही दिन में हो गई. इस बारिश के बाद डोडा, किश्तवाड़ और कठुआ से नदियों के उफान और तबाही की डरावनी तस्वीरें आ रही हैं. भारी बारिश की वजह से वैष्णो देवी में हुए भूस्खलन ने श्रद्धालुओं को डरा दिया है, इस हादसे में 34 लोगों की मौत हो गई है.
हिमाचल में कई हाईवे बंद, कुल्लू और मनाली में हाहाकार
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में भी बारिश तबाही लेकर आई है. फ्लैश फ्लड की वजह से नदियों में अचानक पानी आ गया, जिससे उसका बहाव इतना तेज हो गया कि वो अपने किनारों को चीरकर आगे बढ़ने लगीं. हिमाचल को अन्य राज्यों से जोड़ने वाले कई हाइवेज़ को बंद करना पड़ा है. कुल्लू और मनाली में तो हाहाकार मचा हुआ है. नदियों पर बने कई पुल टूट चुके हैं. तेज बहाव की वजह से किनारों पर बने मकान, दुकान और रेस्टोरेंट नदी में समा चुके हैं. सड़क किनारे जिन लोगों ने अपनी गाड़ियां नदियों के मुहाने पर खड़ी की थी, वो गाड़ियां भी नदी में समा गईं.
हेलिकॉप्टर और नावों से रेस्क्यू
5 नदियों वाले पंजाब में भी नदियां उफान पर हैं. पंजाब के कई शहर पानी -पानी हो गए हैं. रावी, व्यास, सतलुज, चेनाब और झेलम इन सभी नदियों में जलस्तर बढ़ गया है. अचानक भारी मात्रा पहाड़ों से आए बारिश के पानी ने लोगों को विस्थापित होने के लिए मजबूर कर दिया है. स्थिति ये है कि NDRF और सुरक्षाबलों के जवानों को हेलिकॉप्टर और नावों से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा है. पहाड़ों पर सबकुछ मिटाने पर तुली उफनती नदियां जब मैदानी इलाकों में पहुंच रही हैं, तो सबकुछ डुबोने पर उतारू हो गई हैं.
डोडा में कुदरत बरपा रही कहर
जम्मू कश्मीर के डोडा में कुदरत ऐसा रूप दिखा रही है, जिसके आगे शक्तिशाली इंसान भी तिनके के बराबर है. डोडा ही नहीं, किश्तवाड़ में भी बारिश ने बहुत तबाही मचाई है. नदियों के किनारे बसे करीब साढ़े 3 हजार से ज्यादा लोगों को दूसरी जगहों पर ले जाया गया है.जम्मू में खतरा बुधवार के लिए भले टला हो लेकिन अभी मौसम विभाग का दावा है कि आगे मौसम फिर खतरनाक हो सकता है. जम्मू शहर के अंदर के हालात अभी डरावने हैं.
हिमाचल में कई मकान बहे
वहीं, हिमाचल प्रदेश में उफनती नदियां उन इंसानों चुनौती दे रही हैं, जो बड़े-बड़े बांध बनाकर उनका बहाव रोकने का दम भरते हैं. जो लोग कल इन नदियों के बहाव की मद्धम आवाजें सुनकर खुश होते थे, आज वो लोग इन नदियों के रूप रंग और शोर सुनकर सहमे हुए हैं. कुल्लू और मनाली में स्थिति ज्यादा खराब है. यहां के कई पुल, दुकान और मकान टूटकर नदी के तेज बहाव में बह गए.
पंजाब के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आए
पहाड़ों से होकर जब बारिश का पानी नदियों में पहुंचा, तो पंजाब के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए. बांधों पर क्षमता से पानी इकट्ठा होने लगा तो उन्हें छोड़ा गया, जिससे पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का में बाढ़ आ गई. गुरदासपुर के नवोदय विद्यालय में 400 से ज्यादा छात्र और शिक्षक फंस गए. यहां करीब 5 फीट तक पानी भर गया है. जिससे बच्चों को सुरक्षित निकालने के लिए NDRF और सुरक्षाबलों को भेजा गया. पठानकोट में सेना ने एक जर्जर बिल्डिंग से 22 सीआरपीएफ जवानों और 3 नागरिकों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया. इसकी जो तस्वीर सामने आई है, वो काफी डरावनी हैं, दरअसल जिस बिल्डिंग से इन लोगों को रेस्क्यू किया गया था, वो कुछ ही देर बाद गिर गई.
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