गणपति बप्पा के स्वागत का इंतजार उनके भक्तों को हर साल रहता है. काफी दिनों से गणेश चतुर्थी के उत्सव को मनाने की तैयारियां की जा रही थीं और आज वो दिन आज ही गया है. आज गणेश चतुर्थी का पर्व देशभर में मनाया जा रहा है. ऐसे में सभी भगवान गणेश की पूजा आराधना में लगे हैं.
गणपति अपने भक्तों के प्यारे तो हैं ही, साथ ही बॉलीवुड के भी प्यारे रहे हैं. कई दशकों से हिंदी फिल्मों में गणपति महोत्सव को दिखाया जा रहा है. असल में सिर्फ दिखाया ही नहीं जा रहा बल्कि पिक्चरों की कहानियों को इसके इर्द-गिर्द बुना भी जा रहा है. आज के खास दिन हम आपको कुछ ऐसी ही फिल्मों के बारे में बता रहे हैं.
बताया जाता है कि गणेश चतुर्थी पर बने गानों को फिल्मों में 1980 के दशक से पॉपुलैरिटी मिलनी शुरू हुई थी. इस साल आई फिल्म ‘हमसे बढ़कर कौन’ में लेजेंडरी सिंगर मोहम्मद रफी, शैलेंद्र सिंह और आशा भोसले ने मिलकर ‘देवा हो देवा गणपति देवा’ गाना गाया था. आज ये गाना हर पंडाल में बजता सुना जा सकता है. इस ट्रेंड को मॉडर्न जमाने के बॉलीवुड ने भी कायम रखा. शाहरुख खान की फिल्म ‘डॉन’ में ‘मोरेया रे’ गाना हो या फिर सलमान खान की ‘वॉन्टेड’ का ‘जलवा’, फिल्मों में गणपति उत्सव के गानों को खास पसंद किया जाता है. यही गाने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी, पूजा और ध्यान का हिस्सा भी बन जाते हैं.
भक्ति के रस के साथ-साथ बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में गणेश उत्सव या भगवान गणपति से जुड़े गाने टर्निंग पॉइंट साबित हुए हैं. कौन-सी हैं वो फिल्में आइए आपको बताएं.
अग्निपथ (2012)
1990 में आई डायरेक्टर मुकुल आनंद की फिल्म ‘अग्निपथ’ में गणपति विसर्जन एक हिंसक दृश्य को सामने रखता है, यही से अमिताभ बच्चन के किरदार विजय दीनानाथ चौहान की उसके गांव में वापसी होती है. इसी तरह, ऋतिक रोशन स्टारर फिल्म अग्निपथ’ में भी गणपति विसर्जन की भव्यता को फिल्म में बढ़ती हिंसा के साथ जोड़ा गया था.
वास्तव
डायरेक्टर महेश मांजरेकर की गैंगस्टर ड्रामा फिल्म ‘वास्तव’ में गणेश उत्सव एक प्रतीकात्मक पृष्ठभूमि के रूप में काम करता है. ये नेक लोगों और भ्रष्ट लोगों के बीच संघर्ष को दर्शाता है. मुंबई में सेट ये कहानी संजय दत्त के किरदार रघुनाथ नामदेव शिवलकर और उसके जिगरी दोस्त डेढ़फुटिया (संजय नार्वेकर) को अंडरवर्ल्ड का हिस्सा बनते दिखाती है. जब वो समझते हैं कि दुनिया उनके कदमों में है तभी उन्हें अपनी जान बचाकर भागने की नौबत की आ जाती है. फिल्म में गणेश चतुर्थी के आखिरी दिन को एक गाने के रूप में दिखाया गया है, वो ये बताता है कि दोनों दोस्तों का खेल खत्म हो गया है. एक तरफ रघुनाथ का पूरा परिवार गणेश आरती में लगा है तो वहीं दूसरी तरफ डेढ़फुटिया को पुलिस पकड़ लेती है और उसकी जान एक फेक एनकाउंटर में जाने वाली है.
एबीसीडी
रेमो डिसूजा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘एबीसीडी’ में गणपति सॉन्ग ‘साडा दिल वी तू’ आज के जमाने के कूल गानों में से एक हैं. ये गाना आज भी लोगों की जुबान पर है और इसकी एनर्जी को मैच करना आज भी मुश्किल है. लेकिन इसी गाने ने फिल्म को एक नया और भारी मोड़ दिया था. जब प्रभु देवा का किरदार विष्णु अपनी डांस टीम को बड़े मंच पर लेकर जाता है तब उसे भी उम्मीद नहीं होती कि आगे क्या होगा. उसके स्टूडेंट इतनी जबरदस्त परफॉरमेंस देते हैं कि अच्छे अच्छों का दिल खुश हो जाता है. साथ ही गाने में भारी इमोशनल सीन है, जिसे देखते हुए विष्णु, उसके साथी और विष्णु का दुशमन बन चुका पुराना दोस्त जहांगीर खान (के के मेनन) भी रो पड़ता है. गाने का ये हिस्सा दर्शकों की आंखों में भी आंसू लाता है.
सत्या
इन सभी के अलावा मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘सत्या’ का क्लाइमैक्स भी गणपति उत्सव पर सेट है. फिल्म के अंत में पिक्चर का हीरो सत्या (जेडी चक्रवर्ती), अपने दोस्त भीकू महात्रे (मनोज बाजपेयी) के मर्डर का बदला भाऊ नाम के एक नेता से लेता है. सत्या, भाऊ की हत्या करता है और ये सब उन लाखों लोगों की भीड़ में हो रहा है, जो मुंबई की सड़कों पर गणपति विर्सजन के लिए इकट्ठा हुए हैं. ये सीन इसलिए भी एकदम फिट बैठता है क्योंकि ‘विघ्नहर्ता’ कहलाने वाले गणपति भी अपने भक्तों की जिंदगी से बुराई को मिटाते हैं.
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