भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने 24 अगस्त (रविवार) को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान किया. पुजारा काफी समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे, ऐसे में अब उन्होंने इस खूबसूरत खेल को अलविदा कहने का फैसला किया. 37 वर्षीय पुजारा ने भारत के लिए 103 टेस्ट मैच और 5 वनडे मुकाबले खेले. टेस्ट क्रिकेट में पुजारा ने 43.60 के एवरेज से 7195 रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल रहे. वहीं ओडीआई मैचों में उनके नाम पर 51 रन दर्ज हैं.
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चेतेश्वर पुजारा ने खासकर ऑस्ट्रलिया में कुछ ऐसी टेस्ट पारियां खेलीं, जो काफी समय तक फैन्स के जेहन में रहेंगी. ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पुजारा ने 11 टेस्ट मैचों में 993 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 3 शतक और 5 अर्धशतक निकले. 2018-19 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी धरती पर भारतीय टीम की टेस्ट सीरीज जीत में इस बल्लेबाज की अहम भूमिका रही.
देखा जाए तो पिछले आठ महीनों में भारतीय टीम के चार क्रिकेटरों ने या तो टेस्ट या सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान किया. सबसे पहले 18 दिसंबर 2024 को ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. अश्विन का टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा, जहां उन्होंने 106 मैचों में 537 विकेट लेने के अलावा 3503 रन बनाए. अश्विन ने भारत के लिए 116 वनडे और 65 टी20 मुकाबले भी खेले. ओडीआई क्रिकेट में अश्विन ने 156 विकेट चटकाए और 707 रन बनाए. जबकि टी20 इंटरनेशनल में अश्विन के नाम पर 72 विकेट और 184 रन दर्ज हैं.
कोहली-रोहित के संन्यास से चौंक गए थे फैन्स
फिर इस साल मई के महीने में रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया. रोहित ने 7 मई को क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट को बाय-बाय कहा. पांच दिन बाद विराट कोहली ने भी टेस्ट से संन्यास लेने का ऐलान किया. रोहित के नाम पर 67 टेस्ट मैचों में 40.57 की औसत से 4301 रन दर्ज हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 12 शतक और 18 अर्धशतक निकले. वहीं कोहली ने 123 टेस्ट मैचों में 46.85 के एवरेज से 9230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल रहे. कोहली तो टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे सफल कप्तान भी हैं. कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने 68 टेस्ट में से 40 जीते.
अब 24 अगस्त को ‘वॉल 2.0’ के नाम से मशहूर चेतेश्वर पुजारा ने भी सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट लेकर भारतीय क्रिकेट में सूनापन ला दिया है. पिछले एक दशक से ज्यादा समय तक ये चारों दिग्गज भारतीय टेस्ट क्रिकेट की पहचान रहे हैं. विराट कोहली की आक्रामक कप्तानी के साथ-साथ सॉलिड बल्लेबाजी, रोहित शर्मा की शानदार पारियां, चेतेश्वर पुजारा की धैर्यभरी बल्लेबाजी और रविचंद्रन अश्विन की फिरकी का जादू… इन्हीं की बदौलत टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में लंबे समय तक अपनी बादशाहत कायम रखी.
इन चारों की भरपाई करना काफी मुश्किल!
अब इन चार स्तंभों के रिटायरमेंट के बाद भारतीय टेस्ट टीम को नए तरीके से ढलना होगा. इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज में युवा खिलाड़ियों ने आगे आकर अच्छा प्रदर्शन किया और इनकी कमी कुछ हद तक महसूस नहीं होने दी. खैर, ये तो कहा ही जा सकता है कि इन चारों के रिटायरमेंट के साथ ही भारतीय टेस्ट क्रिकेट के सुनहरे दौर का एक अध्याय बंद हो चुका है. ड्रेसिंग रूम में अब नए चेहरे रहेंगे, लेकिन इन दिग्गजों की कमी मैदान पर लंबे समय तक महसूस की जाएगी.
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