महाराष्ट्र की राजनीति में करीब 20 साल बाद साथ आए ठाकरे ब्रदर्स को पहले ही चुनाव में बड़ा झटका लगा है. उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) की तरफ से समर्थित ‘उत्कर्ष’ पैनल को बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. ठाकरे ब्रदर्स की ओर से समर्थित पैनल को 21 में से एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई है.
एक सीट भी नहीं जीत पाए ठाकरे ब्रदर्स
बेस्ट सोसाइटी चुनाव के नतीजों में शशांक राव के पैनल ने 14 सीटें हासिल जीतीं, जबकि महायुति पैनल ने सात सीटें हासिल कीं, जिससे सहकारी समिति पर ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का नौ साल पुराना प्रभुत्व अब खत्म हो गया. ठाकरे ब्रदर्स के बीच गठबंधन के कारण इस चुनाव पर सभी की नजरें थीं. लेकिन नतीजे ने उनके संयुक्त राजनीतिक प्रभाव को एक बड़ा झटका दिया. शशांक राव का पैनल विनर के तौर पर उभरा, जबकि बीजेपी और सहयोगियों वाले महायुति गठबंधन ने सम्मानजनक हिस्सेदारी हासिल की.
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उत्कर्ष पैनल का खाता न खोल पाने से आगामी मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले ठाकरे गुट की प्रासंगिकता पर अब सवाल उठ खड़े हो गए हैं. चुनाव शशांक राव पैनल को 21 में से 14 सीटे, महायुति पैनल को सात सीटें हासिल हुईं, जबकि ठाकरे ब्रदर्स का उत्कर्ष पैनल अपना खाता भी नहीं खोल पाया है.
काम नहीं आई एकजुटता
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की ओर से साल 2006 में शिवसेना से अलग होकर बनाई गई एमएनएस पार्टी ऐतिहासिक रूप से एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी रही हैं. हालांकि, हाल के राजनीतिक बदलावों ने मुंबई के नगर निगम चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का मुकाबला करने के लिए एक संभावित गठबंधन की चर्चाओं को जन्म दिया है.
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बेस्ट चुनाव को उनकी संयुक्त रणनीति के लिए एक लिटमस टेस्ट के रूप में देखा गया, जिसका मकसद मराठी भाषी समुदायों और बेस्ट कर्मचारियों के बीच अपने बेस वोटबैंक का फायदा उठाना था. लेकिन यह हार उनके जनाधार को एकजुट करने में चुनौतियों का संकेत देती है और बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों के लिए उनकी रणनीति को प्रभावित कर सकती है, जहां मुंबई के नगर निकाय पर कब्जा दांव पर है.
शशांक राव पैनल का दबदबा
शशांक राव मुंबई के एक प्रमुख ट्रेड यूनियन नेता हैं, जिन्हें बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (BEST) कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले बेस्ट वर्कर्स यूनियन के प्रमुख के रूप में उनकी प्रभावशाली भूमिका के लिए जाना जाता है. अनुभवी यूनियन नेता शरद राव के बेटे होने के नाते, शशांक ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया है और बेस्ट कर्मचारियों, ऑटो-रिक्शा चालकों और अन्य श्रमिक समूहों के अधिकारों की वकालत की है, जिसका मुख्य उद्देश्य श्रमिकों की शिकायतों का समाधान करना है.
उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की एमएनएस की तरफ से समर्थित ‘उत्कर्ष’ पैनल को एक बड़ा झटका लगा है, और वह बेस्ट सोसाइटी के चुनावों में एक भी सीट जीतने में असफल रहा, जिसमें 21 उम्मीदवार थे.
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