व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के दावे को दोहराया है. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने ट्रेड शाक्तिशाली ढाल के रूप में इस्तेमाल कर भारत-पाकिस्तान संघर्ष को खत्म कर दिया.
प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने अपनी मीडिया ब्रीफिंग में मंगलवार को कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए उन्होंने (ट्रंप ने) ट्रेड का बहुत शक्तिशाली तरीके से इस्तेमाल किया. मुझे पता है कि वे इन सभी उपलब्धियों पर बहुत गर्व महसूस करते हैं और मैं जानती हूं कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने और विश्व में शांति बहाल करने पर बहुत गर्व महसूस करते हैं.’
लेविट ने ये भी कहा कि ट्रंप को व्हाइट हाउस में अज़रबैजान और अर्मेनियाई नेताओं के साथ शांति समझौते में उनकी मदद करने में खुशी हुई.
‘शांति समझौतों पर है गर्व’
उन्होंने बताया, ‘राष्ट्रपति को उन सभी शांति समझौतों पर गर्व है, जो उन्होंने हासिल किए हैं. कुछ हफ्ते पहले अजरबैजान के प्रमुख और आर्मेनिया के राष्ट्रपति व्हाइट हाउस में थे. ट्रंप ने रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के नेताओं के साथ ओवल ऑफिस में दशकों पुराने युद्ध को खत्म करने पर चर्चा की और इसे बहुत महत्व दिया.’
रुबियो लगातार दे रहे हैं जानकारी
लेविट ने आगे कहा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो दुनिया भर में चल रहे संघर्षों के बारे में लगातार ट्रंप को जानकारी दे रहे हैं. फिलहाल ट्रंप का पूरा ध्यान रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-गाजा संघर्ष समाप्त करने पर है.
इससे पहले 28 जुलाई को ट्रंप ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच शांति समझौता कराने का क्रेडिट लिया था और इसे भारत-पाकिस्तान संघर्ष के मुकाबले आसान बताया था.
उन्होंने कहा, ‘हम थाईलैंड और कंबोडिया के साथ बहुत व्यापार करते हैं, फिर भी मैं पढ़ रहा हूं कि वे एक-दूसरे को मार रहे हैं. यह युद्ध जैसा है. मुझे लगता है कि यह मेरे लिए आसान होगा, क्योंकि मैंने भारत-पाकिस्तान और सर्बिया-कोसोवो के बीच युद्ध सुलझा लिया है.’
ट्रंप ने मई में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष में शांति स्थापना का कई बार क्रेडिट लिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्होंने ट्रेड का इस्तेमाल कर दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच सीजफायर कराया. हालांकि, भारत लगातार ट्रंप के दावों को खारिज कर रहा है.
भारत ने खारिज किया ट्रंप का दावा
भारतीय अधिकारियों के अनुसार, युद्ध के दौरान पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर युद्ध रोकने की गुहार लगाई थी. इसके बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी.
बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे. इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे.
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