More
    HomeHomeहवा से लॉन्च होने वाली Pralay मिसाइल पर काम शुरू, 7473 km/hr...

    हवा से लॉन्च होने वाली Pralay मिसाइल पर काम शुरू, 7473 km/hr की गति से करेगी दुश्मन पर हमला

    Published on

    spot_img


    डीआरडीओ (DRDO) ने प्रलय मिसाइल के एयर लॉन्च्ड वर्जन पर काम शुरू किया है, जो भारत की रणनीतिक हमले की क्षमता को बढ़ा सकता है. प्रलय एक क्वासी-बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 6.1 मैक की रफ्तार से उड़ान भरती है. यानी 7473 किलोमीटर प्रतिघंटा. एक बार ये मिसाइल बन गई तो दुश्मन कुछ सेकेंड में खत्म. 

    हालांकि इसे फाइटर जेट से लॉन्च करना आसान नहीं है. आइए समझते हैं कि यह तकनीक कितनी जटिल है. भारत इस क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ रहा है.

    यह भी पढ़ें: क्या ट्रंप के गोल्डन डोम की तरह होगा पीएम मोदी का राष्ट्रीय सुरक्षा कवच ‘सुदर्शन चक्र’? कितना अहम है ये फैसला

    प्रलय मिसाइल क्या है?

    प्रलय एक शॉर्ट-रेंज सरफेस-टू-सरफेस मिसाइल (SRSSM) है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है. यह 150 से 500 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को नष्ट कर सकती है. यह हाइपरसोनिक मिसाइल है. वर्तमान में यह 5 टन वजनी है. ट्रक से लॉन्च की जाती है. इसके पास एडवांस गाइडेंस सिस्टम है, जो इसे सटीक निशाना लगाने में मदद करता है.

    हवाई लॉन्च संस्करण क्यों जरूरी है?

    हवाई लॉन्च संस्करण से भारत को कई फायदे मिल सकते हैं…

    • हमले में लचीलापन: हवाई जहाज से लॉन्च करने पर मिसाइल को कहीं भी तेजी से तैनात किया जा सकता है, भले ही जमीन पर रास्ता मुश्किल हो.
    • रणनीतिक बढ़त: दुश्मन के इलाके में गहरे टारगेट तक हमला करने की क्षमता बढ़ेगी.
    • हैरान करने वाली बात: हवाई लॉन्च से दुश्मन को पहले से पता नहीं चलेगा, जिससे बचाव मुश्किल होगा.

    लेकिन यह तकनीक बहुत चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल को हवा से लॉन्च करना क्रूज मिसाइल (जैसे ब्रह्मोस-ए) से ज्यादा जटिल है. 

    यह भी पढ़ें: भारतीय मिसाइलों से बचने के लिए ईरान बॉर्डर के पास छिपे थे PAK वॉरशिप… ऑपरेशन सिंदूर की Exclusive सैटेलाइट तस्वीरें

    तकनीकी चुनौतियां क्या हैं?

    वजन कम करना: प्रलय मिसाइल का वजन 5 टन है, जो फाइटर जेट के लिए बहुत भारी है. इसे हल्का करना होगा. करीब 2-3 टन तक. इसके लिए हल्के मटीरियल जैसे कार्बन फाइबर या टाइटेनियम का इस्तेमाल होगा.

    डिजाइन में बदलाव: मिसाइल के पंखों और आकार को फिर से डिजाइन करना होगा ताकि हवा में अलग होने और स्थिर रहने में मदद मिले.

    भारी केंद्र (CoG): मिसाइल के वजन केंद्र को संतुलित करना होगा ताकि हवाई जहाज से छोड़े जाने के बाद यह सुरक्षित रहे.

    प्रोप्ल्शन सिस्टन: हवा में सुरक्षित ज्वलन (इग्निशन) के लिए नया तंत्र बनाना होगा, जो जोखिम भरा है. 

    स्थिरता और उड़ान: ब्रह्मोस-ए सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो हल्की और स्थिर होती है. लेकिन प्रलय हाइपरसोनिक और प्रति मीटर भारी है, जिससे इसे हवा से छोड़ने और प्रोप्लशन शुरू करने में दिक्कत होगी. हवा में मिसाइल का संतुलन बनाए रखना और सही दिशा में उड़ान भरना मुश्किल होगा.

    यह भी पढ़ें: क्या अमेरिका ने PAK में न्यूक्लियर हथियार रखे हैं? जिसके दम पर ‘परमाणु हमले’ की धमकी दे रहे आसिम मुनीर

    उड़ान परीक्षण और समयसीमा

    • डीआरडीओ 2028-2029 के बीच प्रलय के हवाई लॉन्च संस्करण के उड़ान परीक्षण करेगा.
    • ड्रॉप सेपरेशन: मिसाइल को फाइटर प्लेन से सुरक्षित तरीके से अलग करना.
    • ट्रैजेक्टरी वैलिडेशन: उड़ान पथ की सटीकता जांचना.
    • मिड-एयर इग्निशन: हवा में ज्वलन शुरू करना.
    • ये परीक्षण मिसाइल की सफलता तय करेंगे.

    Air Launched Pralay Missile

    भारत के लिए यह कदम क्यों खास है?

    • नई तकनीक: हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल को हवा से लॉन्च करने की तकनीक पर सिर्फ कुछ देशों (जैसे अमेरिका और रूस) ने काम किया है. भारत इस क्षेत्र में नया कदम रख रहा है.
    • सुरक्षा: यह मिसाइल चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के खिलाफ भारत की रक्षा को मजबूत करेगी.
    • आत्मनिर्भरता: अगर यह सफल होता है, तो भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी ताकत बन सकता है.

    चुनौतियां और उम्मीदें

    यह प्रोजेक्ट तकनीकी रूप से बहुत मुश्किल है. वजन कम करने और स्थिरता सुनिश्चित करने में समय लगेगा. साथ ही, परीक्षणों में असफलता का जोखिम भी है. लेकिन डीआरडीओ की टीम पहले भी ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइलों में सफलता हासिल कर चुकी है, जो आशा जगाती है. अगर 2028-2029 तक यह तकनीक कामयाब होती है, तो भारत की सैन्य ताकत में क्रांतिकारी बदलाव आएगा.

    —- समाप्त —-



    Source link

    Latest articles

    5 Vivek Agnihotri films to watch

    Vivek Agnihotri films to watch Source link

    Who is Sahher Bambba? Know all about the Bads of Bollywood actor

    If you got deja vu while looking at the actors of the 'Bads...

    Halle Bailey Goes Sleeveless in Silvia Tcherassi for Maternal Health Event

    Halle Bailey turned to Silvia Tcherassi for her body-con, mermaid-style sleeveless dress for...

    More like this

    5 Vivek Agnihotri films to watch

    Vivek Agnihotri films to watch Source link

    Who is Sahher Bambba? Know all about the Bads of Bollywood actor

    If you got deja vu while looking at the actors of the 'Bads...

    Halle Bailey Goes Sleeveless in Silvia Tcherassi for Maternal Health Event

    Halle Bailey turned to Silvia Tcherassi for her body-con, mermaid-style sleeveless dress for...