अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ एक बहुप्रतीक्षित मुलाकात की. यह बैठक पुतिन के साथ अलास्का में हुई उनकी बैठक के ठीक दो दिन बाद हुई है, जिसपर पूरी दुनिया की नजरें टिकी थीं. इस उच्च-स्तरीय बैठक में कई यूरोपीय नेता भी मौजूद थे जो शांति प्रक्रिया पर जोर दे रहे थे.
मुलाकात के दौरान जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि युद्ध को रोकना यूक्रेन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य के लिए वह रूसी राष्ट्रपति से बातचीत करने के लिए तैयार हैं. जेलेंस्की ने ट्रंप के उस प्रस्ताव का भी समर्थन किया, जिसमें त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन का सुझाव दिया गया था और उन्होंने कहा कि यूक्रेन इस तरह की बातचीत के लिए तैयार है.
तो नहीं होती जंग: ट्रंप
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने इस बैठक को ‘आखिरी मुलाकात नहीं’ बताया और उम्मीद जताई कि बातचीत से कुछ अच्छा परिणाम निकलेगा. उन्होंने यूक्रेन युद्ध के लिए पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘बाइडेन का कार्यकाल भ्रष्ट था, इस जंग के लिए वही जिम्मेदार हैं.’ ट्रंप ने यह भी दावा किया कि अगर वह राष्ट्रपति होते तो यह जंग कभी शुरू ही नहीं होती.
‘पुतिन नहीं चाहते युद्ध’
ट्रंप ने कहा कि पुतिन अलास्का में उनसे मिलने अमेरिकी धरती पर आए, क्योंकि वे भी युद्ध नहीं चाहते. उन्होंने विश्वास जताया कि अगर त्रिपक्षीय बैठक होती है तो जंग खत्म हो जाएगी. ट्रंप ने कहा कि दुनिया यूक्रेन युद्ध से थक चुकी है और अब इसे समाप्त करने का समय आ गया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार की मुलाकात फरवरी में हुई पिछली मुलाकात से काफी अलग थी, जब दोनों नेताओं के बीच तनातनी देखी गई थी. इस बार दोनों नेताओं ने खुलकर बात की और पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए मुस्कुराते और मजाक करते दिखे. यह खुली और सकारात्मक बातचीत इस बात का संकेत है कि दोनों पक्ष युद्ध को खत्म करने के लिए कूटनीतिक रास्ते तलाशने को इच्छुक हैं.
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